मधुबनी में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास
संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) में बने पीआइसीयू वार्ड तथा मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के मातृ शिशु सदन का ऑनलाइन उद्घाटन किया। साथ ही मधुबनी जिला अंतर्गत झंझारपुर मेडिकल कॉलेज का ऑनलाइन शिलान्यास किया। उदघाटन व शिलान्यास के ये कायक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपन्न किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब चमकी बुखार (AES) से बच्चों की मौत पर लगाम लगेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल एईएस के कहर के समय वे एसकेएमसीएच गए थे। तब पीकू वार्ड बनाने की बात सामने आई थी। अब यह शुरू हो गया है। इसके साथ 50 बेड की एक धर्मशाला भी है, जहां मरीज के स्वजन रूक सकते हैं।कार्यक्रम का संचालन जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने किया। इस मौके पर नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि एनडीए की सरकार बेहतर काम कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। पीकू वार्ड व सदर अस्पताल में मातृ शिशु सदन खुलने से स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी। एईएस पीड़ित बच्चों को इलाज में मदद मिलेगी।
सांसद अजय निषाद ने कहा कि केंद्र व् बिहार सरकार के सहयोग से मुजफ्फरपुर की चिकित्सा व्यवस्था मजबूत हुई है। पिछले साल मुख्यमंत्री ने जो वादा किया वह पूरा हुआ। पीकू वार्ड, मातृ शिशु सदन के बाद आने वाले दिनों में यहां कैंसर अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की सुविधा भी लोगों को मिलेगी। विधायक बेबी कुमारी ने इसके लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। मौके पर एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ विकास कुमार, अधीक्षक डॉ सुनील शाही, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर साहनी, एसएसपी जयकांत सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे। दूसरी ओर सदर अस्पताल में 100 बेड के मातृ शिशु सदन के उद्घाटन मौके पर सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह अपनी पूरी टीम के साथ उपस्थित थे। डॉ सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में इलाज के लिए महिलाओं को यहां बेहतर सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग से ऑनलाइन झंझारपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जेएमसीएच) का शिलान्यास किया। मौके पर उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के खुल जाने से क्षेत्र के लोगों को इलाज का एक और विकल्प मिलेगा। खासकर नेपाल की सीमा के इलाके के लोगों को।मालूम हो कि 515 करोड़ की लागत से बन रहे इस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण कार्य तीन वर्षों में पूरा किया जाना है। पांच सौ बेड की क्षमता वाले इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में सौ सीटों पर नामांकन लिया जाएगा। 22 एकड़ क्षेत्र में मुख्यतः शैक्षणिक, अस्पताल एवं आवासीय भवन का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। शैक्षणिक भवन का निर्माण कार्य प्रति वर्ष सौ सीटो के नामांकन को लेकर भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के मानक के अनुसार कराया जाना प्रस्तावित है।
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