संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बालिका गृहकांड के खुलासे के बाद ब्रजेश ठाकुर की करतूतों की पोल भी परत-दर-परत खुलने लगी थी। जांच के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई के अधीन संचालित हो रही ब्रजेश की संस्था स्वाधार गृह का निरीक्षण करने टीम पहुंची। वहां रहने वाली 11 महिलाएं और चार बच्चे गायब मिले। स्वाधार गृह में ताला जड़ा था। इस पर आनन- फानन में महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। जांच होने पर पुलिस को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले।
तत्कालीन डीएसपी मुकुल कुमार रंजन की पर्यवेक्षण रिपोर्ट में ब्रजेश और इससे जुड़े कर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगे। इस दौरान सरकारी राशि की बंदरबांट करने का भी ब्रजेश ठाकुर पर आरोप लगा। फर्जी नाम व पते देकर विभाग से मिलने वाली राशि हड़प लिया करता था। इसका खुलासा पुलिस की जांच रिपोर्ट से हुआ है। जब स्वाधार गृह में रहने वाली 11 महिलाओं और चार बच्चों का भौतिक सत्यापन किया गया तो 10 महिलाओं व बच्चों का अता-पता तक नहीं मिला। एक महिला को बड़ी मुश्किल से पुलिस ने खोज निकाला। उसका कोर्ट में बयान भी कराया गया।महिला ने पुलिस पूछताछ में ब्रजेश की करतूतों का खुलासा किया। बताया कि निरीक्षण टीम के आने से पूर्व उसे रुपये देकर बुलाया जाता था। साथ ही टीम के जाने के बाद उसे उसके घर भेज दिया जाता था। इसी तरह हर निरीक्षण के दौरान होता था। इन्हीं फर्जी नामों पर ठाकुर सरकारी राशि की निकासी करता था।
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