संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार (Bihar) विद्यालय परीक्षा समिति जिसे बिहार बोर्ड भी कहते हैं उसकी सूझबूझ का नुकसान मुजफ्फरपुर के बच्चों को उठाना पड़ रहा है। कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से घर से इंटर में एडमिशन के पहले दिन नाम लिखाने के लिए निकले लड़के-लड़कियों को 8 अगस्त को रास्ते से लौटना पड़ा। कारण कि शहर में ना गाड़ियां चल रही थीं और ना रिक्शे। जो पैदल जा रहे थे उन्हें भी पुलिस ने रास्ते से लौटा दिया।
लॉक डाउन के कारण जारी निर्देश के आलोक में मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन होता है। जिसमें सब कुछ बंद रहता है। दूध और दवा जैसी जरूरी सेवाओं को इससे छूट है। इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए जो छात्र-छात्रा निकले थे उन्हें रास्ते में पुलिस ने रोककर लौटा दिया। बिहार बोर्ड ने इंटर में दाखिले के लिए 8 अगस्त से 12 अगस्त का समय निर्धारित किया है। जिसमें 8 और 9 अगस्त जिला में पूर्ण लॉकडाउन में ही निकल जाएंगे।
जाहिर तौर पर बचे हुए तीन दिन 10, 11 और 12 अगस्त को बच्चों को एडमिशन लेना होगा। जिसका दबाव स्कूल अथवा कॉलेजो पर पड़ेगा। नामांकन के लिए सिर्फ तीन दिन हाथ में होने की वजह से 10 अगस्त को जब कॉलेज खुलेंगे तो छात्र-छात्राओं की भारी भीड़ जमा होगी और तब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना या कराना कॉलेज प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा।
जानकारी के मुताबिक ज्यादातर कॉलेजों में नामांकन के लिए दर्जन भर छात्र भी मुश्किल से पहुंच पाए। मुजफ्फरपुर पुलिस लॉकडाउन का सख्ती से पालन करा रही थी और बेवजह निकले बाइक और साइकिल सवारों की खातिरदारी भी कर रही थी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना की ओर से इंटरमीडिएट में एडमिशन के लिए सभी कॉलेजों की मेरिट लिस्ट जारी की गई है। बिहार बोर्ड ने इंटर यानी अंतर-स्नातक में दाखिले के लिए 8 अगस्त से 12 अगस्त तक एडमिशन की तारीख रखी है। समिति के निर्देश के अनुसार कॉलेज तो खुले थे लेकिन एडमिशन लेने के लिए छात्र नहीं थे।
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