कोशी, बागमती और गंडक नदी उफान पर

खगड़िया में 90 पंचायत के 74 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार (Bihar) के खगड़िया जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। कोशी,बागमती और गंडक नदी पुरी तरह से उफान पर है। जिले के 7 प्रखंडों यथा अलौली, चौथम, मानसी, गोगरी, बेलदौर, खगड़िया और परबत्ता के 90 पंचायत के 74 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए खगड़िया डीएम आलोक रंजन घोष लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में घूम कर बाढ़ पीड़ितों के समस्याओं को सुनकर उनका निदान कर रहे हैं। डीएम की मानें तो जिलें में मानसी के अमनी में एक राहत शिविर खोला गया है। वहीं तीन जगहों पर कम्युनिटि किचेन भी खोला गया है। बाढ़ प्रभावित रहिवासियों तक सूखा राशन भी तैयार कर भेजा जा रहा है।

अब तक 599 प्रभावीतो के बीच पॉलोथिन सीट का वितरण किया गया है। खगड़िया में कोशी, बूढ़ी गंडक, बागमती नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है। वहीं, गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। बाढ़ से सबसे ज्यादा अलौली, खगड़िया और चौथम प्रखंड प्रभावित है। घरों में पानी प्रवेश करने के कारण अलौली के नबटोलिया गांव के लोग एक नवनिर्मित पुल पर शरण लिए हुए हैं।

अमनी गांव में बने राहत शिविर में 300 महादलित परिवार रह रहें हैं। यहां खाने से लेकर पढ़ाई तक की व्यवस्था की गई है। कैंप में प्रतिनियुक्त टोला सेवक देश राज ने बताया कि सुबह और शाम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कैंप में रह रहे बच्‍चों को पढाने का भी काम करते हैं, जिससे खाली समय का बच्चों के बीच सदुपयोग हो सके। बाढ़ के कारण खगड़िया में सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का की फसल बर्बाद हो चुकी है, ऐसे में किसानों ने बर्बाद हो चुके मक्का की फसल को पशु चारा के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जब फसल डुब गई तो उसकी भरपाई पशुचारा के रूप में कर रहें हैं, ताकि कम से कम पशु तो भूखे नहीं मरें।

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