अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला में 23 जनवरी को आजाद हिंद फौज के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया गया।
इस अवसर पर बिहार बीजेपी शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी एवं सारण भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने नेताजी को भारत मां का सच्चा सपूत बताते हुए कहा कि वे महान स्वतंत्रता सेनानी व आजाद हिन्द फौज के महानायक थे। कहा कि नेताजी ने ही तुम मुझे खून दो मैं तूझे आजादी दूंगा का नारा बुलंद किया था। उन्होंने आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर कलक्टर बन पिता की ईच्छा पूर्ण की।
एक साल नौकरी करने के बाद उन्होंने अपनी माता जी को पत्र लिख कर कहा कि भारत माता भी अपने ऐसे पुत्र को खोज रही है जो उनको गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करा सके। मां मैं सोच रहा हूं कि अपना संपूर्ण जीवन भारत माता की सेवा मे समर्पित करूं। इस तरह नेताजी ने एक साल कलक्टर की नौकरी करने के बाद नौकरी छोड़ दी और स्वतंत्रता आंदोलन मे सक्रिय हो गये। अंत तक वे लड़ते रहे।
लेकिन दुर्भाग्य है इस देश का कि स्वतंत्रता के बाद बनी सरकार ने सुभाषचन्द्र बोस को तो भुला ही दिया। वे जीवित है या मर गये, अबतक स्पष्ट नहीं किया जा सका। भावी पीढ़ी को भी ऐसे वीर योद्धा के विषय में जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार और उसके प्रधानमंत्री ने सुभाष चन्द्र बोस के त्याग, बलिदान और समर्पण को देखते हुए अंडमान द्वीप का नाम सुभाषचंद्र बोस द्वीप करने, इंडिया गेट पर नेताजी की आदमकद मूर्ति लगाने और 23 जनवरी को उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रुप मनाने की घोषणा कर उन्हें अमर करने का काम किया है।
दूसरी तरफ जिला के हद में सोनपुर प्रखंड के शिक्षक कॉलोनी स्थित सांसद सम्पर्क कार्यालय में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रुप में मनाया गया। पराक्रम दिवस की अध्यक्षता नगर मंडल भाजपा अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह बबलू ने की। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, नमामि गंगे जिला संयोजक सुनील दुबे, प्रदेश पूर्व सैनिक सह संयोजक सुनील सिंह, सांसद प्रतिनिधि राजीव मुनमुन, शैलेश शर्मा, महेश कुमार, सोनू सिंह, राजेश कुमार, अंधीर कुमार राय, अजीत कुमार सिंह गुड्डू आदि शामिल थे।
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