स्वच्छ सागर, स्वस्थ भारत और हो सुरक्षित सागर – राज्यपाल स्वच्छ
भारत की 7500 कि.मी. लंबी तट कि @2047 में होगी अहम भूमिका – डॉ जितेंद्र सिंह
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय (International) तटीय सफाई दिवस पर शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में मुंबई के जुहू बीच पर तटरक्षक बल को झंडी दिखाकर रवाना किया।
भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई अभियान चलाया है। आईसीजी कर्मियों के साथ विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों के करीब 2000 से अधिक छात्रों के साथ जुहू, गिरगांव, वर्सोवा, उत्तान, मध मारवे, कोलाबा, बांद्रा और वर्ली जैसे विभिन्न समुद्री तटों की सफाई की।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, भारतीयों में प्राचीन काल से धरती माता के प्रति गहरी श्रद्धा है। उन्होंने कहा, हालांकि पृथ्वी, समुद्र और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना कम होती जा रही है। राज्यपाल ने खेद व्यक्त किया कि न केवल भूमि, बल्कि महासागर भी प्लास्टिक और गंदगी से भरा पड़ा है और पूरे वर्ष तटीय सफाई अभियान चलाने का आह्वान किया।
राज्यपाल Governor) ने कहा, जब देश अमृतकाल से गुजर रहा है, तो हमें स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए स्वच्छ भारत के साथ-साथ स्वच्छ सागर तट भी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर के अभियान में ‘सुरक्षित भारत’ शब्द जोड़ा जा सकता है, क्योंकि स्वच्छता देश को सुरक्षित रखती है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Central minister Dr Jitendra Singh) ने कहा कि भारत की 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा भारत के विजन @2047 को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने बताया कि समुद्र से 15 हजार टन प्लास्टिक कचरे को हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा कि भारत की जैव-अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और इसके 2025 तक लगभग 1500 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है। डॉ सिंह ने कहा कि स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान पूरे सरकार और राष्ट्रव्यापी तरीके से लागू किया गया है। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक वी.एस. पठानिया ने उद्घघाटन भाषण दिया।
उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठन इस अभियान में पर्यावरण के लिहाज से अपनी चिंताओं को दिखा रहे हैं और इस प्रकार “स्वयंसेवकों की भारी संख्या को देखना बहुत उत्साहजनक है। इस अवसर पर सांसद (मुंबई उत्तर-मध्य) पूनम महाजन, पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल, सतीश मोध और एनसीसी, गैर सरकारी संगठनों और तटरक्षक बल के स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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