निर्धारित बजट राशि पुरा खर्च नहीं करना दलित आदिवासी समाज के साथ धोखा-नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड राज्य में निर्धारित बजट की राशि को पुरा खर्च नहीं करना राज्य के दलित, आदिवासी, मुलवासी समाज के साथ धोखा है। मुख्यमंत्री इस मामले में संज्ञान ले।

उपरोक्त बातें 29 दिसंबर को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने झारखंड की राजधानी रांची के हटीया स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कही। वे राज्य में निर्धारित बजट की राशि कम खर्च किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि निर्धारित बजट की राशि का पुरा खर्च नहीं किया जाना झारखंडी समाज को विकास से दुर रखने की साजिश है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कई विभाग ने बजट की आधी भी राशि खर्च नहीं की है। कहा कि जब 9 माह में राशि खर्च नहीं हुआ तो क्या गारंटी है कि आगामी 3 माह में कंडकित पूर्ण बजट की राशि खर्च कर लिया जायेगा।नायक ने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा आबंटित बजट 9560 करोड़ में मात्र 6994 करोड़ खर्च किए गए।

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आबंटित 6114 करोड़ में मात्र 3054 करोड़, महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा मद में 5833 करोड़ में 4911 करोड़, पथ निर्माण विभाग द्वारा 3833 करोड़ में 2447 करोड़, स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण मद में आबंटित 2370 करोड़ में मात्र 866 करोड़, खाद्य, जन वितरण व उपभोक्ता मामले में 2203 करोड़ में 378 करोड़, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता (सेकंडरी) मद में 2069 करोड़ के बदले 1000 करोड़, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता (कृषि) मद में आबंटित 2007 करोड़ में 523 करोड़, शहरी विकास एवं आवास (नगर विकास) मद में 1446 करोड़ में मात्र 423 करोड़, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा 1426 करोड़ में 237 करोड़, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता (प्राथमिक व व्यस्क) मद में 1305 करोड़ में 1137 करोड़, जल संसाधन विभाग द्वारा 1288 करोड़ में 828 करोड़, श्रम, रोजगार प्रशिक्षण एवं कौशल विभाग मद में 1014 करोड़ में 756 करोड़, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मद में आबंटित 985 करोड़ में 273 करोड़, आदि।

पेयजल एवं स्वच्छता मद में 766 करोड़ में 130 करोड़, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में 611 के बदले 121 करोड़, भवन निर्माण मद में 583 करोड़ में 324 करोड़, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मद में 577 में 490 करोड़, गृह, जेल एवं आपदा प्रबंधन मद में 518 में 61 करोड़, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता (डेयरी) मद में 402 में 96 करोड़, उद्योग मद में 386 में 192 करोड़, योजना एवं विकास मद में 374 में 39 करोड़, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मद में 350 में 62 करोड़, अल्पसंख्यक कल्याण मद में 326 में 112 करोड़, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मद में 301 में 62 करोड़,आई और ई गवर्नेस मद में 300 में 9.40 करोड़, जल संसाधन व् लघु सिंचाई मद में 290 में 137 करोड़, पंचायती राज मद में 270 में 90 करोड़, परिवहन विभाग मद में 265 में 3.42 करोड़, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा 280 में 201 करोड़, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कल्याण (कला) द्वारा 170 में 46 करोड़, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कल्याण (पर्यटन) द्वारा 150 में 29 करोड़, राजस्व, निबंधन एवं भू सुधार द्वारा 133 में 44 करोड़, शहरी विकास एवं आवास द्वारा 100 में शून्य करोड़, कृषि,आदि।

पशुपालन एवं सहकारिता (मत्स्य) द्वारा 9330 में 2250 करोड़, कैबिनेट सचिवालय एवं निगरानी (नगर विमानन) द्वारा 80 में 14 करोड़, खनन एवं जियोलोजी द्वारा 29 मे 165, वित्त विभाग द्वारा 20 में 281, वाणिज्यकर द्वारा 1200 में 184, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार द्वारा 295 में 0.39, उत्पाद एवं मद्य निषेध द्वारा 260 में 033 करोड़ खर्च किए गए है, जो राज्य की जनता के लिए शुभ नही है। नायक ने स्पष्ट रुप से चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पूर्ण बजट की राशि नहीं खर्च कर संरेंडर किया गया तो मंच द्वारा आंदोलन किया जायेगा।

 50 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *