विकास की बाट जोह रहा है नक्सली अनमोल दा का गांव जरवा-इटवाबेड़ा
रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में नावाडीह प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पोखरिया पंचायत के कई ऐसे गांव है जहाँ नक्सल विशेष पैकेज योजना का लाभ नही मिल पाया है। जबकि नक्सल क्षेत्र से प्रभावित पंचायत को समुचित विकास कर भटके ग्रामिणों को मुख्यधारा में वापस करना योजना का मुख्य कार्य था।
बताया जाता है कि 25 लाख का इनामी नक्सली अनमोल दा का गांव पोखरिया पंचायत के जरवा-इटवाबेड़ा सहित डेगागढ़ा से माकन चचरिया, कडरूखुटा से पोखरिया पंचायत को जोड़ने वाली कच्ची पथ आज भी जस की तस है। यहां अवागमन में स्थानीय ग्रामिणों को काफी परेशानीयों का सामना करना पर रहा है।
बतातें चले कि आईएपी परिकल्पना योजना आयोग द्वारा की गई थी। इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नक्सल प्रभावित जिलों में बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करने के लिए लागू करना था। इस योजना ने छोटी परियोजनाओं के लिए प्रत्येक जिले को वित्तीय वर्ष 2010-11 में 25 करोड़ रुपये और 2011-12 में 30 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन इन रकमों कि छाया तक प्रभावित गांव को नही लगा। आज भी नक्सल प्रभावित गांव विकास की बाट जोहने पर मजबूर है।
हालांकि, जरवा में सड़क को पक्का करने का प्रयास किया जा रहा था। पोखरिया पंचायत के जरवा -इटवाबेड़ा रहिवासी कैला मांझी, सोनाराम मुर्मू, देवी मांझी सहित अन्य ग्रामिणों ने नावाडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रशांत कुमार हैम्ब्रम से यहां सड़क निर्माण कराने की मांग की है।
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