एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग की पत्नी धनबाद के असर्फी हाॅस्पिटल से गिरफ्तार

कैंसर पीड़ित जया नाम बदलकर तीन दिन पहले हुई थी अस्पताल में भर्ती

एस. पी. सक्सेना/धनबाद (झारखंड)। धनबाद जिला के हद में टुंडी रहिवासी एक करोड़ के इनामी नक्सली भाकपा माओवादी केंद्रीय सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा की पत्नी 25 लाख की इनामी जया को डीजीपी अजय कुमार सिंह के निर्देश पर धनबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

बताया जाता है कि इनामी नक्सली जया तीन दिन पहले धनबाद थाना क्षेत्र के नावाडीह स्थित असर्फी हॉस्पिटल में कैंसर का इलाज कराने पहुंची थी। जया के अलावा दो महिला और एक पुरुष नक्सली को भी हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।

नक्सली प्रयाग मांझी को झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ तथा एमपी की पुलिस वर्षों से ढूंढ़ रही है। एटीएस और एनआईए की टीम भी प्रयाग और उसकी पत्नी जया को खोज रही थी।

ज्ञात हो कि, स्वर्गीय चरकू मुर्मू का पुत्र प्रयाग मांझी टुंडी थाना क्षेत्र के धनबाद-गिरिडीह जिले के सीमावर्ती गांव दलुगोड़ा का रहनेवाला है। गिरिडीह पुलिस प्रयाग और जया के घर की कई बार कुर्की जब्ती कर चुकी है। पति पत्नी दोनों बीस साल पहले टुंडी छोड़ चुके थे। यहां उनके रिस्तेदार रहते है, लेकिन प्रयाग और जया से उनका वर्षों से बातचीत तक नहीं है।

बताया जाता है कि, 45 वर्ष पहले नक्सली प्रयाग और 25 वर्ष पहले जया नक्सली संगठन से जुड़े थे। प्रयाग के साथ जया हर नक्सल गतिविधियों में शामिल रही है। जया के धनबाद के असर्फी अस्पताल में इलाज कराने की सूचना पर पुलिस टीम ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। वह गुपचुप तरीके से यहां इलाज कराने पहुंची थी।

सूत्रों के अनुसार टुंडी के ही पुलिस मुखबिर ने पुलिस मुख्यालय को सूचना दी। इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन ने टीम गठित कर असर्फी अस्पताल से जया और अन्य तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि गिरफ्तार करने से पहले पुलिस अधिकारियों ने जया से धनबाद में नक्सली हमले और उसके पति प्रयाग के बारे में पूछताछ की।

इसके अलावा अन्य राज्यों में नक्सली हमले और संगठन के बारे में जानकारी ली। फिलहाल पूछताछ में पुलिस को जया स्वयं को नक्सली गतिविधि में शामिल होने से इंकार कर रही है। जबकि वह महिला विंग की चीफ है। टुंडी से बीस साल पहले शीला की गिरफ्तारी के बाद जया को चीफ बनाया गया था। अभी पुलिस अभिरक्षा में ही जया का अज्ञात अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है।

बताया जाता है कि जया के खिलाफ धनबाद के किसी भी थाना में एफआईआर दर्ज नहीं है। प्रयाग और जया गिरिडीह समेत दूसरे जिले और अन्य राज्यों में नक्सली गतिविधि को अंजाम देते थे। यहां की पुलिस उसे गिरिडीह पुलिस के हवाले करने की तैयारी में है।

गिरिडीह के साथ साथ एनआईए और एटीएस की टीम भी धनबाद पहुंच कर जया और उसके साथ पकड़े गए संदिग्ध महिला नक्सलीयों से पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि दसवीं की पढ़ाई के बाद 25 वर्ष की उम्र में ही वर्ष 1980 में प्रयाग मांझी नक्सली संगठन में शामिल हो गया था।

इधर महिला नक्सली जया की गिरफ्तारी से झारखंड पुलिस काफी उत्साहित है। पुलिस मुख्यालय रांची के अधिकारी अब यह मान रहे है कि उसका पति प्रयाग मांझी के ठिकानों का सटीक पता चल पाएगा। बताया जा रहा है कि पुलिस अबतक जया से उसके पति का पता नहीं उगलवा सकी है। प्रयाग और जया के खिलाफ झारखंड समेत विभिन्न राज्यों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं।

पुलिस के अनुसार 21 नवंबर 2021 को भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में प्रयाग मांझी ने मिसिर बेसरा और अनल दा के साथ मिलकर संगठन को धार दी। गिरिडीह के पारसनाथ पहाड़ से लेकर बिहार, बंगाल और छत्तीसगढ़ तक नक्सली वारदात में प्रयाग मांझी की सक्रियता मानी जाती है।

प्रयाग के दस्ते ने ही पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा में मनोहरपुर के पूर्व भाजपा विधायक गुरुचरण नायक पर हमला कर उनके बॉडीगार्ड से तीन एके-47 रायफल लूट लिया था। झारखंड के धनबाद समेत कई जिलों की पुलिस जया को ढाल बनाकर प्रयाग मांझी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार जया अभी तक प्रयाग के बारे में कुछ भी नहीं बता रही है। उसका कहना है कि वह कई वर्षों से प्रयाग से नहीं मिली है और ना ही उसके बारे में उसे कोई जानकारी है। वह खुद अपने पति को 20 वर्षों से खोज रही है।

पुलिस से परेशान होने के कारण घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां छिपकर रहती थी। इसी बीच उसे कैंसर हो गया और वह इलाज करा रही है। जया के अनुसार वह किसी भी नक्सली संगठन या गतिविधि में शामिल नहीं रही है। उसे प्रयाग की पत्नी होने के कारण 20 वर्षों से पुलिस परेशान कर रही है।

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