भारत को स्वदेशी जहाज निर्माण केन्द्र बनाना है। रक्षा मंत्री
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। रविवार को मुंबई में पी 15बी का दूसरा युद्धपोत स्वदेशी स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस मोरमुगाओ (डी67) का कमीशन किया।
अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस युद्धपोत देश की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाएगा और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करेगा, यह बात देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य भारत को स्वदेशी जहाज निर्माण केंद्र बनाना है।
मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया। इस समारोह के दौरान भारतीय नौसेना के संस्थानिक संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए और मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसक में से दूसरे का औपचारिक रूप से समावेशन किया गया।
रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ का उदाहरण
रक्षा मंत्री ने कहा आईएनएस मोरमुगाओ को सबसे शक्तिशाली स्वदेश निर्मित युद्धपोतों में से एक बताया, जो देश की समुद्री क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करेगा। आईएनएस मोरमुगाओ विश्व के सबसे तकनीकी (Technology) रूप से उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है।
75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ, यह युद्धपोतों के डिजाइन और विकास में भारत की उत्कृष्टता और हमारी बढ़ती स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह युद्धपोत हमारे देश के साथ-साथ विश्व भर में हमारे मित्र देशों की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
नौसेना की भूमिका, सुरक्षा और सामाजिक
आईएनएस मोरमुगाओ को कमीशन करने के लिए भारतीय रक्षा मंत्री ने नौसेना और एमडीएल की सराहना की और इसे इंजीनियरों, तकनीशियनों, डिजाइनरों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत, समर्पण और आकांक्षाओं का परिणाम बताया।
उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। रक्षा मंत्री ने पूरे देश की ओर से भारतीय नौसेना को न केवल समुद्री हितों की रक्षा करने बल्कि सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए बधाई दी।
सशस्त्र बल – भारत की अभूतपूर्व वृद्धि की रीढ़
रक्षा मंत्री ने अद्वितीय साहस और समर्पण के साथ सीमाओं और तटों की रक्षा करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और उन्हें भारत के अभूतपूर्व विकास की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा, “भारत हर दिन सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अब हम दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं।
निवेश फर्म मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच साल में हम शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे। कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत की दुनिया ने सराहना की है। हमारी जी-20 की अध्यक्षता एक और ऐतिहासिक उपलब्धि है।
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