आर पार की लड़ाई के मूड में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन-अजय

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सीसीएल कथारा (CCL Kathara) का क्षेत्रीय प्रबंधन मतवाला हाथी की तरह श्रमिकों के ऊपर दमनात्मक कार्रवाई करने पर आतुर है। यह बर्दास्त से बाहर है। अब प्रबंधन से आर पार की लड़ाई के मूड में राष्ट्रीय (National) कोलियरी मजदूर यूनियन है।

उक्त बातें श्रम संगठन इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के सीसीएल सचिव एवं कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने 16 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।

उन्होंने कहा कि श्रमिक अपने आवास के मरम्मत के लिए 5 वर्ष से अधिक समय से प्रतीक्षारत है। पहले तो आश्वासन मिलता रहा कायाकल्प का कार्य शुरू होने पर आवास का मरमती का कार्य होगा। कायाकल्प योजना के तहत कार्य शुरू होने से पहले 1 वर्ष तो कार्य नहीं हो पाया।

जब कायाकल्प का कार्य शुरू हुआ तो 2 वर्ष के बाद मालूम चला की जो प्राक्कलन में राशि का एस्टीमेट हुआ था। उसका क्वांटिटी समाप्त हो गया। इस प्रकार 3 वर्ष से अधिक का समय गुजर गया और 2 साल उसके बाद गुजरने को है। परियोजना के असैनिक विभाग क्षेत्रीय असैनिक विभाग तथा महाप्रबंधक के संज्ञान में मामला आने के बावजूद श्रमिक 5 वर्ष से अधिक समय से अपनी परेशानी से जूझ रहे हैं।

सिंह ने बताया कि यहां कार्यरत हीरालाल गुप्ता, सुरेश महतो, छाया देवी सहित दर्जनों ऐसे कामगार है, जो अपने आवास की मरम्मती के लिए परेशान है। जिसमें प्रबंधन की भूमिका मुख दर्शक वाली बनी हुई है। वहीं पर मुख्य सड़क किनारे आवास में रहने वाले श्रमिकों की चार दिवारी 2 वर्ष से अधिक समय से गिरा हुआ है, उसके बावजूद प्रबंधन का ध्यान नहीं जाना प्रबंधन के कार्य योजना और कार्य संस्कृति के ऊपर प्रश्न चिन्ह है।

उन्होंने बताया कि आईबीएम कॉलोनी (IBM Colony) में जो रोड की मरम्मती हुई उसकी उच्चस्तरीय जांच होने पर प्रबंधन की खामियां उजागर होगी। ऐसे में मात्र विभाग लूट खसोट और चारागाह का केंद्र बना हुआ है। प्रबंधन अगर इन मामलों में गंभीर होकर कारगर कदम नहीं उठाया तो प्रबंधन के गलत रवैया का राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन पुरजोर विरोध करेगा।

इस संदर्भ में राकोमयू का प्रतिनिधिमंडल महाप्रबंधक से मिलकर समस्याओं के निराकरण की मांग करेगा। 15 दिन के अंदर अगर सार्थक परिणाम नहीं आए तो यूनियन के बैनर तले क्षेत्र में जोरदार आंदोलन का आगाज होगा। इस संदर्भ में यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रबंधन इन मामलों पर हमेशा टालमटोल की नीति अपनाए जा रहा है।

जिससे श्रमिकों में गहरा आक्रोश है। श्रमिकों के मनोभाव को देखते हुए यूनियन किसी भी परिस्थिति में इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन भेदभाव कर श्रमिकों के बीच रविवार कार्य दिवस को लेकर काफी गतिरोध पैदा कर रहा है।

मुख्यालय स्तर पर किसी भी मामलों में पेपर कॉरस्पॉडेंस होता है, तो क्षेत्रीय प्रबंधन और परियोजना प्रबंधन को कंप्लायंस पूरा करने में बरसो समय लगता है, जो हास्यास्पद है। प्रबंधन का उक्त रवैया काफी असंतोषजनक है। जल्द ही एक बड़ी बैठक कर आंदोलन का आगाज होगा।

 160 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *