रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के चार सदस्यीय दल ने 15 जून को स्वतंत्रता सेनानियों के घर जाकर उनके जन्मस्थल की पवित्र मिट्टी एकत्रित करना प्रारंभ किया। साथ हीं उनकी याद में आम का एक फलदार वृक्ष का रोपण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया।
बताया जाता है कि एकत्रित पावन मिट्टी को डालकर बोकारो और रांची में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर वृक्षारोपण किया जाएगा। ज्ञात हो कि संस्थान के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 जून से झारखंड के रहिवासी सभी स्वतंत्रता सेनानियों के घर से पावन मिट्टी लाने का अभियान प्रारम्भ किया गया, जिसकी शुरुआत बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड स्थित गर्री ग्राम रहिवासी प्रख्यात अमर स्वतंत्रता सेनानी स्व. काशीश्वर प्रसाद चौबे के घर से की गयी। इस अवसर पर उनके पौत्र विशाल कुमार चौबे ने घर की मिट्टी प्रदान किया तथा संस्थान द्वारा वहां उनके नाम पर आम के एक पौधे का रोपण किया गया। परिवार द्वारा उनकी बनाई गई प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जनों ने सरकार से मांग किया कि अमर स्वतंत्रता सेनानी स्व. काशीश्वर प्रसाद चौबे की एक आदमकद प्रतिमा बनाई जाय एवं उनके नाम पर स्मृति वाटिका, स्मृति भवन बनाया जाय। कहा गया कि प्रखंड के हद में मंजूरा पंचायत के पूरनापानी में सरकार द्वारा बने खेल स्टेडियम का नामाकरण उनके नाम पर हो। संस्थान के अध्यक्ष शशिभूषण ओझा मुकुल ने कसमार से पिरगुल होते बंगाल बोर्डर तक जानेवाली सड़क का नाम काशीश्वर प्रसाद चौबे पथ किए जाने की मांग सरकार से की। साथ ही कहा कि इनके नाम पर बहादुरपुर के पास बने तोरणद्वार की मरम्मत कराई जाए। सरकार द्वारा हर वर्ष इनके नाम पर यहां किसी सरकारी उत्सव का भी आयोजन किया जाय।
निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि जिस प्रकार का सम्मान सरकार द्वारा इनको मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया है, जिसका क्षोभ स्वतंत्रता सेनानी के परिवार एवं ग्रामीणों को है। गर्री के बाद संस्थान का दल कसमार प्रखंड के ही ओरमो गांव स्थित अमर स्वतंत्रता सेनानी कोंका कमार (करमाली) के घर पहुंचा और उनके परिजनों से मिलकर उनके जन्म स्थल की पवित्र मिट्टी लिया। वहां उनकी याद में आम के एक पौधे का रोपण किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में कोंका कमार के परिजनों ने अपने परिवार की दयनीय स्थिति का आभास कराते हुए कहा कि न परिजनों को सरकार ने कोई सुविधा प्रदान किया है न स्वतंत्रता सेनानी रहे कोंका कमार के नाम पर हीं कुछ किया है।
ज्ञात हो उनके कि परिजनों ने ही सामाजिक सहयोग से इनके नाम पर एक मूर्ति का निर्माण किया है। परिजनों एवं ग्रामीणों ने सरकार से मांग किया कि इनके नाम पर कोई स्मृति वाटिका और खेल मैदान बनाया जाए तथा कसमार से पेटरवार जाने वाली सड़क का नाम कोंका कमार पथ कर दिया जाय। उनका यह भी कहना था कि स्वतंत्रता सेनानियों को सरकार द्वारा याद नहीं करना तथा इनके परिवार की सुध नहीं लेना घोर अन्याय है। क्योंकि उन्होंने अपना सर्वस्व जीवन राष्ट्र को अर्पित कर दिया। हर वर्ष इनके नाम से किसी उत्सव का आयोजन यहां सरकार को अवश्य करना चाहिए।
कार्यक्रम में चार सदस्यीय दल में नेतृत्वकर्ता संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ सहित लक्ष्मण शर्मा, वीरेंद्र चौबे, प्रेमन गिरि उपस्थित रहे। जबकि, कार्यक्रम स्थलों पर विकास चौबे, विपिन शर्मा, निरंजन जयसवाल, तुलसीदास जयसवाल, विकास पांडेय, रूपेश कपरदार, नितेश चौबे, बोधन राम करमाली, दिलीप करमाली, मनोज करमाली, ओम प्रकाश करमाली, गोपाल करमाली, कैलाश करमाली, शत्रुघन करमाली, कमल करमाली सहित अनेक गणमान्य व् परिजन उपस्थित थे।
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