कलयुग में नाम जप ही कल्याण का सबसे बड़ा साधन-ममता शास्त्री

अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। वैशाली जिला के हद में बिदुपुर प्रखंड के मनियारपुर में संत केशव दास (कमल बाबा) के सानिध्य में चल रहे नौ दिवसीय श्रीविष्णु महायज्ञ के अंतिम दिन 30 मार्च को श्रीमद्भागवत कथावाचिका ममता शास्त्री ने कहा कि सभी भक्ति मार्ग पर चलें।

उन्होंने कहा कि सत्य सनातन धर्म को आगे लेकर जाएं। स्वयं को जागरूक करें। नकारात्मक विचारों का परित्याग कर सकारात्मक विचारों को अपनाएं। वाणी संयम, इच्छाओं पर नियंत्रण रखें।
उन्होंने कहा कि कलियुग में नाम जप ही कल्याण का सबसे बड़ा साधन है। यहां कर्मफल पर विचार कर ही कर्म करना चाहिए।

इस शरीर रुपी खेत में बोए भले- बूरे कर्म का बीज सदैव संस्कार रुप में उगते हैं। ममता शास्त्री ने कहा कि दस इंद्रियां इस क्षेत्र का विस्तार है। प्रकृति से उत्पन्न इन तीन गुणों से विवश होकर मनुष्य को कर्म करना पड़ता है। वह क्षण मात्र भी कर्म किये बिना नहीं रह सकता है। इसलिए शरीर को कर्म क्षेत्र कहा जाता है। अगर जीवन सफल बनाना है तो परमात्मा से सम्बन्ध बनाएं।

चैता दुगोला के आयोजन का निर्णय

इस अवसर पर यज्ञ समापन को लेकर यज्ञ समिति ने 31 मार्च की संध्या गोपालगंज के लोकगायक बबलू गिरी एवं आरा के लोकगायक तारकेश्वर सिंह बिहारी का शानदार मुकाबला (दुगोला) कार्यक्रम आयोजन की जानकारी दी।

यज्ञ समिति के उपाध्यक्ष राधेश्याम तिवारी ने यज्ञ के विधिपूर्ण, शान्ति पूर्ण सफल कराने के लिए यज्ञाचार्य एवं उनके सहयोगी, साधु संतों, समिति के सभी सदस्यों, सुरक्षा में लगे स्वयं सेवकों, दुकानदार भाइयों, ग्रामीणों, कथौलिया जुड़ावनपुर पंचायत वासियों, दूर दूर से यज्ञ में आये श्रद्धालुओं को बधाई दी एवं आभार व्यक्त किया।

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