एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। विभिन्न छात्र संगठनों के द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार 19 अप्रैल का संपूर्ण झारखंड बंद शत प्रतिशत सफल रहा। ऐसे हीं संगठित होकर मुलवासियों को अपनी लड़ाई लड़ने की जरूरत है।
उपरोक्त बाते झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने झारखंड बंद सफल होने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहीं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार 60-40 वाली नियोजन नीति का बदलाव नहीं करती है और खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं करती है तो आने वाले दिनों में झारखंड के सभी आदिवासी मूलवासी समाज संगठित होकर चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होगी।
नायक ने कहा कि जब तक यह 60-40 जैसी जनविरोधी नीति को निरस्त नहीं किया जाता एवं खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने इस ऐतिहासिक बंद में सहयोग करने वाले सभी संगठनों का आभार व्यक्त किया है।
साथ हीं उनसे अपील किया है कि आदिवासी मूलवासी समाज के हितों, उनके हक और संवैधानिक अधिकारो की रक्षा हेतु इसी तरह संगठित होकर प्रतिरोध करने का काम करें, ताकि भविष्य में कोई भी सरकार झारखंड विरोधी नीति को लागू करने से पहले हजार बार नहीं लाखो बार सोचने के लिए विवश हो।
नायक ने कहा कि सरकार को इस बंद से सबक लेना चाहिए। झारखंडी जनभावना एवं झारखंड अलग राज्य के मूल्य सपनों को नकारने एवं झारखंडी समाज के सपनों को तोड़ने का काम अब सरकार नहीं करे। जल्द से जल्द 60-40 नियोजन नीति में बदलाव लाए एवं खतियान आधारित स्थानीय नीति तुरंत लागू करें, नहीं तो झारखंड के छात्र, युवा, नौजवान शक्ति अब जाग चुकी है।
अगर इसे टालने की राजनीति की गई तो आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, क्योंकि जनता का इस सरकार से शनै: शनै: मोहभंग होता जा रहा है। नायक ने साफ शब्दों में कहा कि झारखंड बचाओ मोर्चा झारखंड बंद का नैतिक समर्थन करके अपनी प्रतिबद्धता झारखंडी समाज के आदिवासी, मूलवासी समाज के साथ खड़े रहकर उनके सभी संघर्ष में कदम कदम पर साथ देने का अपना वचन निभाया है।
भविष्य में भी झारखंडी हित से जुड़े सभी जनहित के विषयो पर मोर्चा की नजर रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ा तो मोर्चा सड़क पर भी आंदोलन कर संघर्ष करने का काम करेगा।
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