तेनुघाट के मुकेश, विनीत व ऋषभ संगीत निर्देशन में टैगोर कर्मभूमि में सम्मानित

ऑल इंडिया थियेटर काउन्सलिंग का राष्ट्रीय अधिवेशन शांति निकेतन में सम्पन्न

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। रविन्द्र नाथ टैगोर की कर्मभूमि शांति निकेतन में ऑल इंडिया थियेटर काउन्सिल के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन हो गया। इस अधिवेशन में एमवीआर म्यूजियकल ग्रुप के संगीत निदेशक मुकेश कुमार सिन्हा, की-बोर्ड प्लेयर ऋषभ देव सिन्हा एवं ऑक्टा पैड प्लेयर विनीत कुमार को एआईटीसी के जनगीत के संगीत निर्देशन के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के बोलपुर स्थित शांति निकेतन में पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र कोलकाता के द्वारा निर्मित सृजनी शिल्पग्राम के मंच पर देश के सत्रह राज्यों से आए रंगकर्मियों का कला मंचन एवं विचारों का आदान-प्रदान किया गया। राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुंदन एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहरा, उपाध्याय, राजेन्द्र प्रसाद एवं सरसि चंद्रा ने अनेक प्रदेशों से आए रंगकर्मियों के साथ मिलकर एआईटीसी का ध्वज फहराकर कार्यक्रम की शुरूआत की।

तत्पश्चात प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र सागर द्वारा रचित एवं एमवी म्यूजिकल ग्रुप द्वारा संगीतबद्ध किए गए जनगीत की प्रस्तुति बोकारो जिला के हद में तेनुघाट के मुकेश कुमार सिन्हा एवं ऋषभ देव सिन्हा के द्वारा दी गई। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए लगभग 300 रंगकर्मियों ने दो दिवसीय सत्र में रंगकर्म के विस्तार, तकनीकी विसंगतियों को दूर करने, डिजिटल संसाधनों के उपयोग एवं वृहद स्तर पर सदस्यता अभियान चलाने पर विशेष चर्चा की।

ऑल इंडिया थियेटर काउन्सिल के राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुंदन एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहरा ने देश के सभी प्रदेशों में थियेटर, नृत्य एवं संगीत के कार्यशाला का आयोजन किए जाने पर चर्चा की, ताकि नाट्य शास्त्रों में वर्णित प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को बचाया जा सके। बरेली से आए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के भूपेन्द्र नाथ वर्मा ने कहा कि सरकार ने कलाकारों को रेलवे किराए में मिलने वाली 70 प्रतिशत रियायत को बंद कर कलाकारों के हाथ पैर बांध दिए हैं, जिससे रंगकर्म बुरी तरह प्रभावित है। कलाकारों को मिलने वाली रियायत पर सरकार को पुनः विचार करने के लिए देश के कलाकार एआईटी के साथ मिलकर अभियान चलाएं।

अधिवेशन में एआईटीसी के अगले कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय की गयी। जिसमें आगामी 15 मार्च से राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन एकल नाट्य प्रतियोगिता, नाटक लेखन प्रतियोगिता आयोजित करने पर सहमति बनी। साथ ही शास्त्रीय व अर्ध शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता भी ऑनलाइन ही करवाए जाएंगे। प्रथम दिवस की संध्या पर श्रुति चंद्रा के शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति की गयी। जमशेदपुर की संस्था पथ द्वारा मो. निज़ाम निर्देशित पंछी नाटक का मंचन किया गया एवं दूसरे दिवस की दोपहर ऋषभ देव सिन्हा के ग़ज़ल की प्रस्तुति का लुत्फ श्रोताओं ने उठाया। संध्या बेला में ओडिशा की बबीता शवाईन की टीम के शास्त्रीय नृत्य एवं पद्मा सरकार के टीम के नाटक की प्रस्तुति हुई। साथ ही कोलकाता से आई टीम निफा के सुब्रतो निर्देशित नाटक कंगाल डोम की शानदार प्रस्तुति की गयी।

इस मौके पर झारखंड प्रदेश अध्यक्ष श्याम कुमार, मो. निज़ाम, छवि दास, बंगाल से सौगत चट्टोपाध्याय, जॉय मुखर्जी, अनुज सिन्हा, दिल्ली के प्रदीप बाजपेयी, हिमाचल के राजित सिंह कंवर, बिहार से मो. जिलानी, ओडिशा के राजगोपाल पाढ़ी एवं विभिन्न प्रदेशों से आए वरिष्ठ रंगकर्मियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
ऑल इंडिया थियेटर काउन्सिल के अधिवेशन के आयोजन का प्रभार एआईटीसी के राष्ट्रीय सदस्य व निफा के निदेशक अनिमेष देव रॉय को दिया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुंदन की ओर से निफा की पूरी टीम व् देश भर से आए कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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