फुटबॉलर की सेवानिवृति पर सीएमडी ने किया सम्मानित
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। सीआईएसएफ फुटबॉल टीम (CISF Football Teem) के ऑल इंडिया प्लेयर निलाशीष घोष 31 मार्च 2022 को इकाई के सर्तकर्ता विभाग से सेवानिवृत हो चुके हैं। घोष की सेवानिवृति विदाई समारोह में आरसीएफएल (RCFL) के सीएमडी एस सी मुदगेरीकर ने शॉल और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर मुदगेरीकर ने कहा कि निलाशीष घोष ने सर्तकर्ता विभाग में इमानदारी का परिचय देते हुए अपनी सेवाएं पूरी की हैं। मैं आशा करता हुं की घोष अपने जीवन की दूसरी पारी अपने परिवार और बच्चों के साथ सुख पूर्वक बिताएंगे।
ऐसे में जीवन में कभी हमारी जरूरत पड़ी तो निसंकोच हमसे संपर्क करें। ताकि हम लोग इनकी सहायता कर सकें। इस अवसर पर आरसीएफएल के निदेशक विपण थंकाचेन, निदेशक वित्त श्रीमती नजहत शेख, निदेशक तकनीकी देव और एचआरईडी श्रीमती सुनीता शुक्ला मौजूद थीं। वहीं सीआईएसएफ के कमांडेंट दिपक मणी तिवारी, सहायक कमानडेंट पुष्कर सिंह रावत आदि अधिकारी भी विदाई समारोह में शामिल हुए ।
बताया जाता है कि सीआईएसएफ फुटबॉल टीम के ऑल इंडिया प्लेयर निलाशीष घोष ने अपने 37 वर्षों के कार्यकाल में 1998 तक देश के विभिन्न खेल के मैदानों में अपना जलवा दिखाया। मुंबई से पहले घोष देश के कई राज्यों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इनमें असम, कोलकाता, मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) आदि का समावेश है।
इतना ही नहीं धार्मिक विचारों के स्वामी निलाशीष घोष पिछले 12 वर्षों से ब्रम्हा कुमारी नामक संस्था से भी जुड़े रहे हैं। अपने कैरियर की शुरूआत उन्होंने सीआईएसएफ के जांबाज जवान व फुटबॉलर के रूप में की थी। शिक्षित निलाशीष घोष का प्रमोशन उनकी काबलियत को देखते हुए होता रहा।
उन्होंने अपना आखरी कार्यकाल आरसीएफएल में बतौर सर्तकर्ता विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक के रूप में समाप्त किया है। लॉक डाउन के दौरान निलाशीष घोष और उनकी पत्नी ने मास्क बना-बना कर लोगों तक पहुंचाया है। घोष परिवार में पति पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। इनमें उनका बड़ा बेटा मुंबई में ही जॉब पर है।
जबकि बेटी ने नीट की परिक्षा के बाद किसी दूसरे राज्य (State) में ट्रेनिंग कर रही है। इसके अलावा सीआईएसएफ की तरफ से वाशीनाका, माहुल, सहयाद्र नगर आदि परिसरों में राशन और रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुएं भी वितरण किया है।
निलाशीष घोष ने कहा की मैंने अपने कार्यकाल में कई अवार्ड पिटे हैं, मैं अपने 37 वर्षीय नौकरी से बेहद खुश रहा, आज मुझे अपने विभाग व सीएमडी सर के प्यार और स्नेह ने दीवाना बना दिया ।
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