प्रहरी संवाददाता/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले का दौरा के क्रम में गणमान्य जनों ने राज्यसभा सांसद को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों को शामिल करने की मांग की।
वैशाली जिला के हद में लालगंज अंचल के शितल भकुरहर में जनसंवाद कार्यक्रम में आये राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर के साथ परिचर्चा में शहीद 5 फरवरी को अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी बैकुण्ठ शुक्ला स्मृति मंच के कौशिक अमरेश कुमार, अभिजीत कुमार पांडेय, आदि।
रजनीश कुमार के साथ ही अधिवक्ता गंगोत्री प्रसाद सिंह ने वैशाली जिले के शिक्षा शास्त्री दानवीर बाबू लंगट सिंह, स्वतन्त्रता सेनानी बाबू किशोरी प्रसन्न सिंह, क्रांतिकारी वीर वसावन सिंह, बाबू योगेंद्र शुक्ल अमर शहीद बाबू बैकुण्ठ शुक्ल इत्यादि की जीवनी को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।
राज्यसभा सांसद को सौंपे गये पत्र में कहा गया कि महामानवों के सम्बंध में स्वतन्त्रता आंदोलन के बाद इतिहासकारो ने इन महापुरुषों के साथ भेदभाव किया और सरकारों ने भी इन महापुरुषों के साथ भेद भाव किया।
इस प्रश्न का जवाव देते हुए ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद संबंधित विचारधारा के लेखकों द्वारा आजादी के आंदोलन का जो भी इतिहास लिखा गया उसे सिर्फ दो खानदान नेहरू और गांधी के अलावे सभी स्वतन्त्रता सेनानियों के साथ नाइंसाफी की गईं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आजादी के 75 वे वर्ष अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के अमर सेनानियों को सम्मान देने और इतिहास लेखन का कार्य हो रहा है। सांसद जो केंद्रीय शिक्षा स्थायी समिति के सदस्य भी हैं ने बताया कि उन्होंने अमर शहीद बैकुण्ठ शुक्ला एवं शेरे बिहार योगेन्द्र शुक्ला की जीवनी व शहादत को नई शिक्षा नीति में शामिल करने के लिये बीते 18 जनवरी को अपने पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक पुस्तको में देश के महापुरुषों की जीवनी अधिक से अधिक बच्चों को पढ़ाई जाये इस पर सरकार भी ज्यादा ध्यान दे रही है।
इस अवसर पर मंच के सदस्य गंगोत्री प्रसाद सिंह द्वारा अमर शहीद बैकुण्ठ शुक्ल पर यूपी पूर्वांचल के कवि संजीव कुमार त्यागी द्वारा लिखी काव्य रचना ए सरकार हम किसान हई, पुस्तक के साथ नन्द किशोर शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक द ट्रायल ऑफ बैकुण्ठ शुक्ल सांसद ठाकुर को भेंट की गई।
सांसद ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद ने पत्रांक डीईएसएस 428 के माध्यम से अपने पत्र द्वारा इस मांग को स्वीकृति प्रदान करने हुए इसको पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने की दिशा में कार्य करने को सूचित भी किया है। मौकेपर उपस्थित समाजसेवी मनोज शुक्ल, प्रियदर्शनी दुवे इत्यादि ने सांसद का आभार व्यक्त किया।
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