15 संगठनों का आंदोलन 16 को आजाद मैदान में

15 संगठनों का आंदोलन 16 को आजाद मैदान में

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। पिछड़ी जातियों में घुसपैठ कर गैर-पिछड़े समाज के लोगों के खिलाफ मुंबई की 15 संगठनों ने 16 फरवरी को आजाद मैदान में आंदोलन करने का फैसला किया है। क्योंकि महाराष्ट्र (महाराष्ट्र) के कुल 36 जिलों में गैर-पिछड़े वर्ग के लोगों द्वारा मूल वंचित जाति को नुकसान पहुंचा जा जरा है।

इन विषयों पर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra  government) से कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई न होता देख आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन (Protest) और आंदोलन किया जायेगा। इसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व अखिल भारतीय राजपूत भामटा के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. अनिल सालुंके करेंगे।

इस विषय पर संस्थाओं द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री को कई बार लिखित तौर पर दिया जा चूका है। इनमे विमुक्त जाति श्रेणी में 14 जातियां शामिल हैं। मूल 14 विमुक्त जातियां में बेयर्ड , बेस्टार, भामता, कैकडी, कंजरभट , कटाबु , बंजारा, पालपर्धी, राजपर्धी , राजपूत भामटा , रामोशी, वडार, वाघरी और छतों आदि का समावेश है।

उपरोक्त जातियों की मने तो पूरे महाराष्ट्र में बोगास जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर मेडिकल (Medical) प्रवेश, एमपीएससी परीक्षा (MPSC Examination), पुलिस भर्ती व विभिन्न भर्ती प्रक्रियों कि नौकरी में घुसपैठ की गई है।

मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया 2022 में फर्जी अभ्यर्थियों ने घुमंतू जातियों एवं जनजातियों की श्रेणी में एमबीबीएस/बीएमएस/बीडीएस/बीयूएमएस/बीपीटी/ में घुसपैठ की है।

2019-20 में 196, 204, 2020-21 में 220 और 2021 में आज 267। वहीं 92 फर्जी छतों में घुसपैठ की गई है। इसके आलावा 2017 से 2022 तक, महाराष्ट्र सरकार की अदालत और चिकित्सा प्रवेश प्रक्रिया में कई बयान और शिकायतें दर्ज की गई हैं, इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इनकी मांग है कि घुसपैठियों के कब्जे वाले स्थान को खाली कर मूल पृथक खानाबदोशों की भर्ती की जाए, नहीं तो इस आंदोलन के रूप और भी विकराल होगा। क्योंकि विभिन्न तथ्यों के आधार पर इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जा रहा है।

इन संगठनों ने राज्य (State) पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट 2014, संख्या 49, महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना 24 नवंबर 2017 धारा 16 (एच) (1) का, महाराष्ट्र सरकार के राजपत्र 2001 की धारा 13 के अनुसार झूठा जाति प्रमाण पत्र देने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराना आदि का समावेश है।

इस आंदोलन का नेतृत्व डॉ. अनिल सालुंके, डॉ. कैलास गौडो, राजेश राठौड, आत्माराम जाधवी, जीजाबाई राठौड, संदेश चव्हाण, उल्हास राठौड़, ओंकार अबा जाधवी, वीरेंद्र रत्ने, अमृत मेडकरी, तुकाराम माने, कैलाश भंडालकर, हीरामन वेतन करेंगे।

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