प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बच्चों को घर से दिए गए संस्कार से उसके आगे बढ़ने की दिशा निर्धारित करते हैं। शिशु मंदिर में भी बच्चों को शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास के साथ संस्कार जैसी परस्पर सहयोग की भावना की शिक्षा भी मिलती है।
उक्त बातें बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में फुसरो नप के ढोरी स्थित कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन में कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) के नियमों के अनुसार आयोजित मातृ सम्मेलन में 13 जनवरी को मुख्य अतिथि के रूप में बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरजा देवी ने कही।
मुख्य अतिथि ने कहा कि माता उस बीज का पालन पोषण करती है, जो मधुर फल देता है। उन्होंने मातृ शक्ति की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में महिलाओं को बालिकाओं के बारे में ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मोबाइल के दुष्परिणामों से भी बच्चों को समझाना चाहिए व इसका उपयोग कब किया जाना चाहिए, इस पर विचार किया जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि फुसरो नगर परिषद के पूर्व वार्ड पार्षद एवं भाजपा नेत्री अर्चना सिंह ने कहा कि शिक्षा से ही व्यक्ति उत्तम नागरिक बनता है तथा छात्र-छात्राओं के चरित्र का निर्माण होता है।
माताओं का जीवन संस्कारमय हुआ तो बच्चों को भी राम-कृष्ण बना सकती है। उन्होंने विद्यालय में अपने बिताए गए पलों को भी याद किया एवं मातृशक्ति को विश्व शक्ति का एक प्रमुख आधार बताया।
मौके पर भारतीय मजदूर संघ के जिला संगठन मंत्री संतन मिश्रा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
यहाँ विद्यालय की बहनों द्वारा गीत, नृत्य एवं नाटक का सफल मंचन हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य वृत्त आचार्या पुष्पा सिन्हा ने प्रस्तुत किया। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य इंद्रावती मिश्रा ने अपने उदबोधन में बहनों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया एवं आगामी परीक्षाओं पर माताओं को ध्यान देने की बात कही।
आभार व्यक्त करने का कार्य कस्तूरबा विद्यालय के सचिव धीरज कुमार पांडेय ने संपन्न किया। कार्यक्रम में मंच संचालन का सफल दायित्व बहन पायल कुमारी एवं प्रगति वर्मा ने किया।
कार्यक्रम (Program) में प्रमुख रूप से अनिल चंद्र झा, कुमार गौरव, प्रदीप कुमार महतो, अनुपमा झा, शैलबाला कुमारी, संजू ठाकुर, प्रियंका कुमारी, स्नेहा पांडेय, शिवपूजन सोनी, राजेंद्र पांडेय एवं वीणा मेहता उपस्थित थे।
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