एस. पी. सक्सेना/बोकारो। भारत सरकार (Indian Government) के वन एवं पर्यावरण विभाग के एमओइएफसीसी (MOEFCC) के अतिरिक्त निदेशक राजीव रंजन ने 25 अप्रैल को बोकारो जिला के हद में कथारा कोलियरी का दौरा किया।
दौरे के क्रम में उनके साथ क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके पंजाबी (Genral Manager MK Punjabi), सीसीएल मुख्यालय रांची के मुख्य प्रबंधक पर्यावरण राज कुमार वंसल, स्थानीय परियोजना पदाधिकारी नवल किशोर दुबे, क्षेत्रीय असैनिक प्रबंधक सुमन कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण श्याम सुंदर, उप प्रबंधक सीएसआर चंदन कुमार आदि शामिल थे।
इस अवसर पर मिनिस्ट्री ऑफ इन्वयरमेंट फारेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज (एमओइएफसीसी) के अतिरिक्त निदेशक राजीव रंजन ने कथारा कोलियरी जाकर वहां पर्यावरण प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं जल प्रदूषण से संबंधित कोलियरी प्रबंधन द्वारा किए गए प्रयासों का निरीक्षण किया।
इस क्रम में उन्होंने कथारा कोलियरी तीन नंबर खदान, मिनी क्वायरी, बेस वर्कशॉप आदि का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। ज्ञात हो कि, सीटीओ नहीं मिलने के कारण बीते 1 जनवरी से कथारा कोलियरी का उत्पादन पूरी तरह ठप है। इसे लेकर उक्त अधिकारी ने कोलियरी का दौरा कर निरीक्षण किया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके पंजाबी ने कहा कि अतिरिक्त निदेशक ने निरिक्षण के क्रम जानकारी ली कि कथारा कोलियरी का कोयला ट्रांसपोर्टिंग होकर कहां भेजा जाता है। उनके द्वारा बताया गया कि उक्त कोयला बगल के कथारा वाशरी जाता है। जिसमें धुलकण प्रतिशत बहुत कम होता है।
जीएम ने बताया कि अतिरिक्त निदेशक ने कथारा वाशरी कोल स्टॉक के समीप लगे वाटर स्प्रिंकलर को चालू करा कर देखा। साथ हीं वाटर टेंकर, नाला की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने परियोजना प्रबंधन द्वारा कोलियरी क्षेत्र के आसपास पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए किए गए वृक्षारोपण का भी अवलोकन किया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने कोलियरी के खदानों में जमा जल का भी अवलोकन कर इसकी साफ-सफाई के लिए निर्देश दिए। मौके पर अतिथि भवन में उपस्थित मीडिया के सवालों का अतिरिक्त निदेशक ने यह कहते हुए जबाब देने से इंकार कर दिया कि इसके लिए वे अधिकृत नहीं है।
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