पीएम आवास सेट्रिंग बीम व् दिवार से दबकर मिस्त्री की मौत

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। कसमार प्रखंड के हद में कुरको में प्रधानमंत्री आवास का सेट्रिंग खोलने के दौरान 24 सितंबर को लिंटर बीम व दीवार से दबकर एक 37 वर्षीय युवक की मौत हो गयी। मृतक मुकेश महतो सरिया मिस्त्री बताया जा रहा है।

घटना के बाद मृतक की पत्नी को डेढ़ लाख मुआवजा के तौर पर देने की सहमति बनने के बाद शव घटनास्थल से उठाया गया। घटनास्थल के समीप ही पंचनामा के बाद शव का दाह संस्कार कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार कसमार थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दुर्गापुर के टोला कमारहीर निवासी स्व. मुरली महतो के 37 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार महतो का 24 सितंबर की सुबह लगभग 9 बजे के आसपास कुरको निवासी राम विलास महतो के नव निर्माणाधिन पीएम आवास का लिंटर बीम व दीवार पर लगे सरिया सेट्रिंग खोलने के दौरान ढह जाने से दबकर घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

बताया जाता है कि मृतक महतो को उक्त दीवार से ग्रामीणों के सहयोग से जबतक निकला गया, तबतक उसकी मौत हो चुकी थी।बताया जाता है कि दुर्गापुर गांव के उक्त टोला निवासी मृतक मुकेश महतो एवं तेजनारायण महतो उर्फ तेजु सरिया सेट्रिंग कार्य का पार्टनरशिप में काम लिया करता था।

मृतक उक्त आवास का मालिक के साथ-साथ सरिया सेट्रिंग का अच्छा मिस्त्री भी था। मृतक के बीम से दबने से सिर पर गंभीर चोट लगा था। मृतक का ससुराल कसमार प्रखंड के हद में नावाडीह गांव में था। मृतक का एक मात्र 15 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार है।

बता दे कि, मृतक अपने घर कमारहीर से सुबह करीब 8 बजे के आसपास कुरको सेट्रिंग खोलने के लिए निकला था। पीएम आवास इतना घटिया निर्माण कार्य हो रहा था कि छत की ढलाई भी नहीं हुई थी और दीवार समेत लिंटर बीम गिर गया, जिस कारण यह दर्दनाक हादसा हो गया।

घटना की सूचना पाकर गोमियां विधायक डॉ लम्बोदर महतो, दुर्गापुर पंचायत के मुखिया अमरेश कुमार महतो, पंसस प्रतिनिधि सनातन महतो घटनास्थल पर पहुंच कर घटना की विस्तृत जानकारी ली तथा मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाया।

मृतक का शव घटना स्थल से नहीं उठाए जाने पर पंचायत के मुखिया, पंसस, ग्रामीण के अलावे मृतक के परिजनों तथा पीएम आवास के लाभुक के बीच समझौता पंचनामा होने के बाद मुआवजा के तौर पर डेड़ लाख रूपए देने की सहमति बनी। इसके बाद ही शव को उठाया गया।

मुआवजा के तौर पर 10 हजार दाह संस्कार के लिए, 40 हजार श्राद्ध कार्यक्रम तथा बाकि दो माह बाद 1 लाख रूपए देने पर सहमति बनी। जो तीन किस्त में देने को लेकर लिखित समझौता हुआ है। समझौता होने के बाद बिना पोस्टमार्टम के ही समझौते के आधार पर पंचनामा बनाकर शाम को शव का अंतिम दाह संस्कार चडरिया नाला नामक स्थान पर कर दिया गया।

 111 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *