प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। झारखंड (Jharkhand) के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गिरिडीह जिला के हद में बगोदर प्रखंड के आस पास क्षेत्रो की एक के बाद एक लगातार हो रही प्रवासी मजदूरों की मौत का शिलशिला नहीं थम रहा हैं।
जानकारी के अनुसार झारखंड से मुंबई कमाने गए गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र (Bagodar police station area) के बालक गांव निवासी श्यामलाल साव के 40 वर्षीय पुत्र करमचंद साव की मुम्बई के बोरीवली ईस्ट में बीते 14 मई की शाम हृदयगति रूकने से मौत हो गई। मौत की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
मृतक करमचंद साव अपने पीछे पत्नी खुशबू देवी, पुत्र अमन कुमार (10 वर्ष), पुत्री अर्चन कुमारी (8 वर्ष) व आरती कुमारी (4 वर्ष) अपने पीछे छोड़ गया। परिजनो का रो रोकर बुरा हाल है।विपत्ति के घड़ी में बेबस पत्नी खुशबू देवी ने अपने पति का शव लाने के लिए मदद की गुहार लगाई हैं।
वहीं इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हितार्थ में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।
सरकार (Government) मजदूर हित में कुछ पहल नहीं कर पा रही है और झारखंड से मजदूरों का पलायन तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि मृतक का शव मुंबई से उनके पैतृक गांव लाने के लिए हरसंभव मदद करने का प्रयास किया जा रहा है।
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