प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी क्रम में गिरिडीह जिला के हद में डुमरी थाना क्षेत्र के चैनपुर मगरगड्डी निवासी मजदूर की मुम्बई के पनवेल स्थित कलमबोली में बीते 21 अक्टूबर की रात्रि को मौत हो गयी।
मिली जानकारी के अनुसार डुमरी थाना क्षेत्र के हद में चैनपुर के मगरगड्डी निवासी जयगोपाल सिंह के 50 वर्षीय पुत्र रामविलास सिंह की बीते 21 अक्टूबर की रात्रि मुम्बई में मौत हो गयी। सिंह की मौत की सूचना मिलते ही परिजन सकते में है। वहीं गांव वाले भी शोक में हैं। घटना के कारणों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाया है।
मृतक अपने पीछे पत्नी सरस्वती देवी सहित चार पुत्री और दो पुत्र को छोड़ गया है। इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों का मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।
इससे पहले भी कई प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों के मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है।
अली ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले से है, जो रोजी कमाने अपना घर परिवार छोड़कर परदेस गये। इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है।
किसी का शव हफ्ते भर बाद आती है, तो किसी को 3 महीने भी लग जाते हैं। ऐसे में सरकार को फिलहाल शव लाने की व्यवस्था करने के साथ-साथ रोज़गार की ठोस व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मजदूरो के पलायन को कारगर तरीके से रोका जा सके।
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