पंचायत में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करें-डीडीसी
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जिला मुख्यालय बोकारो के जिला परिषद कार्यालय सभागार में 18 दिसंबर को मेरा पंचायत, मेरा पहचान से संबंधित एक दिवसीय मुखिया उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला के मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्षा सुनीता देवी एवं उप विकास आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद शामिल हुए।
कार्यशाला में मुखियाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच मेरा पंचायत, मेरा पहचान कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास में पंचायतों की सक्रिय भूमिका को बढ़ावा देना है। कार्यशाला के माध्यम से विशेष रूप से मुखियाओं को प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे अपने गांव के विकास में प्रभावी नेतृत्व कर सकें। साथ ही कार्यशाला के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को अपनी समस्याओं का समाधान खोजने और अपने गांव का विकास करने के लिए प्रेरित किया जाता है। साथ ही कार्यशाला में पंचायत अंतर्गत जीपीडीपी का चयन, जिसमें सक्षम पंचायत एवं विकसित पंचायत के अंतर्गत फाइलेरिया मुक्त पंचायत के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
मौके पर जिला पंचायतीराज पदाधिकारी मो. शफीक अहमद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉ सुमन गुप्ता, डीपीएम अभिषेक कुमार, चास और गोमिया प्रखंड के मुखिया एवं पंचायत सचिव उपस्थित थे। कार्यशाला में मुखियाओं एवं पंचायत सचिवो को प्रशिक्षण पीरामल फाउंडेशन बोकारो द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्षा सुनीता देवी ने बताया कि उक्त कार्यशाला से मुखियाओं को सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने गांव के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकें। इसके साथ ही उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था और विकास योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीण समस्याओं का समाधान खोजने को कहा, ताकि ग्रामीण विकास की गति तेज हो सके।
उप विकास आयुक्त ने मुखियाओं को पंचायती राज व्यवस्था के सिद्धांतों, अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के बारे में जानकारी दी जाती है और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए रणनीतियां कैसे बनाई जाय। साथ ही ग्राम सभा की भूमिका, इसके आयोजन और उसमें आमजनों की भागीदारी को बढ़ाने के तरीकों को बताया। उन्होंने पंचायत में पारदर्शिता लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उपायों की जानकारी दी।
उप विकास आयुक्त ने सभी मुखियाओं को नेतृत्व, संचार और समस्या समाधान जैसे कौशल विकसित करने को कहा, ताकि इसकी मदद से पंचायत के किसी भी व्यक्ति को मदद की जा सकती है। उन्होंने बताया कि पंचायत को विकास करने में किसी दूसरे सफल पंचायतों के अनुभवों को साझा करें या आप स्वयं सफल पंचायत में जाकर उनसे सीखे और अपने पंचायत में आकर इंप्लीमेंट करें ताकि अन्य मुखिया भी उनसे सीख सकें। कार्यशाला के दौरान पीरामल के प्रतिनिधि कुतंल, अभिनंदन, सुदीप्ता, बसंत, पौलुमी, सगुफ्ता, अभिरामी एवं साहित्य आदि उपस्थित थे।
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