प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। भारतीय हिन्दी फिल्मों के गायन क्षेत्र में एक से एक विख्यात व लोकप्रिय पार्श्व गायक हम सबों से बिछड़ गए। इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है। बीते 18 जुलाई को हिंदी फिल्मों के पार्श्व गायक भूपेंद्र सिंह काल कवलित होकर हम सब से बिछड़ गए।
ज्ञात हो कि, पार्श्व गायक भूपेंद्र का जन्म 6 फरवरी 1940 को पंजाब के पटियाला में हुआ था। 82 वर्ष की उम्र में 18 जुलाई को मुंबई के अस्पताल में उनका निधन हो गया। वर्ष 1972 में परिचय, 1977 में फिल्म घरौंदा में गाना गाए, ‘एक अकेला इस शहर में, इसके पहले 1975 में संजीव कुमार की फिल्म मौसम में नाम गुम जाएगा, चेहरा बदल जाएगा’ गाकर काफी लोकप्रिय हो गए।
फिर ‘दिल ढूंढता है फिर वही फुरसत के रात दिन’ गाना काफी चर्चित रहा। सच तो यह है कि, अभिनेता अमोल पालेकर के अभिनय में इनकी आवाज काफी फबती थी। वर्ष 1982 में बाजार, सत्ते पे सत्ता,1979 में गृह-प्रवेश, 1985 में ऐतबार आदि फिल्मों में अपनी आवाज दिया था। गजल गायन में उन्होंने अधिक समय दिया। वर्तमान समय में पुराने गायक, गायिकाओं में गिने चुने हमारे बीच रह गए हैं।
दिवंगत गायक भूपेंद्र के आकस्मिक निधन पर मेघदूत रेडियो लिस्नर्स क्लब बेरमो की टीम ने 19 जुलाई को उन्हें ऑनलाइन भावभीनी श्रद्धा-सुमन अर्पित की।
ऑनलाइन शोक जताने वालों में बेरमो से क्लब के उपाध्यक्ष अजीत जयसवाल, विजय छाबड़ा, अमित छाबड़ा, निमाय सिंह चौहान, अशोक जैन, अनिल पाल, रामाधार विश्वकर्मा, धनबाद से रामचंद्र गुप्ता, रांची शहर से मो नौशाद खान, लुधियाना से क्लब अध्यक्ष मनजीत छाबड़ा, बिनु छाबड़ा, नैनु छाबड़ा, महाराष्ट्र से सुनैना, गुजरात से चांदनी पटेल आदि सदस्यगण शामिल थे।
206 total views, 1 views today