पिछली बैठक में निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा, लंबित कार्यों को पूरा करने का निर्देश
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला मुख्यालय से सटे कैंप टू स्थित जायका हैपनिंग सभागार में 5 जुलाई को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक आयोजित किया गया। अध्यक्षता धनबाद सांसद सह समिति के अध्यक्ष पशुपतिनाथ सिंह ने की।
मौके पर राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बेबी देवी, बोकारो विधायक बिरंची नारायण, बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो, बोकारो जिला उपायुक्त सह समिति के सचिव कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक चंदन झा, अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह, आदि।
जिला परिषद अध्यक्षा सुनीत देवी, वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री, अवर सचिव ग्रामीण कार्य विभाग चंद्रभूषण, अपर समाहर्ता सादात अनवर, अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, सभी प्रखंडों के प्रमुख, विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
दिशा की बैठक में पिछली बैठक में समिति द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन की क्रमवार समीक्षा की गई। साथ हीं संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारियों ने निर्देशों के अनुपालन की जानकारी समिति के समक्ष रखी। समिति सदस्यों ने इसपर संतोष व्यक्त किया। ज्यादातर निर्देशों का अनुपालन विभागों द्वारा कर लिया गया था। कुछ लंबित कार्यों को पूरा करने का समिति ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया।
इस अवसर पर सांसद सह समिति अध्यक्ष पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि आमजनों की सहूलियत एवं क्षेत्र के विकास के लिए लगातार सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई जगह से ऐसी शिकायत एवं सूचना मिल रही है कि खराब सड़कों का निर्माण नहीं होकर, जो सड़कें थोड़ी अच्छी स्थिति में है उसका ही दोबारा निर्माण संबंधित विभाग अथवा एजेंसी द्वारा करवाया जा रहा है।
वहीं, कुछ सड़कों जिनका कुछ हिस्सा खराब है और कुछ हिस्सा बेहतर हैं। उन सड़कों को एजेंसी द्वारा पूरा जर्जर बताकर निर्माण कराया जा रहा है। सांसद सिंह ने कहा कि निरीक्षण के क्रम में पड़ोसी जिले में ऐसा मामला प्रकाश में आया है।
ऐसा यहां नहीं हो, इसलिए उन्होंने सड़क निर्माण कर रही ग्रामीण कार्य विभाग/सड़क निर्माण विभाग आदि को खराब सड़कों के निर्माण का प्राकल्लन स्वीकृति से पूर्व उक्त सड़क का वीडियोग्राफी करा कर वीडियो जिला को उपलब्ध कराने को कहा। ताकि प्राथमिकता के अनुसार मुख्य सड़क/ग्रामीण सड़क आदि का आवश्यकतानुरूप जितनी जरूरी हो उतने का निर्माण कार्य कराया जाय।
इस संबंध में उपायुक्त चौधरी ने समिति अध्यक्ष सह सांसद को जिले में इसे शत प्रतिशत सुनिश्चित कराने की बात कहीं। उन्होंने मौके पर ही संबंधित विभागों के कार्यपालक अभियंता को खराब/जर्जर सड़कों की प्राकल्लन स्वीकृति के साथ सड़क का वीडियो समर्पित करने का निर्देश दिया।
पिछली बैठक में सड़क निर्माण के उद्घाटन या शिलान्यास के अवसर पर कम से कम विभाग के सहायक अभियंता या कनीय अभियंता को उपस्थित रहने को निर्देशित किया गया था, इसका अनुपालन हो रहा है कि नहीं अगले दस दिनों में संबंधित विभाग द्वारा इससे संबंधित फोटो अथवा वीडियोग्राफी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
बैठक में एचएससीएल द्वारा पीएमजीएसवाई के तहत पूर्व में निर्मित 43 सड़कों की जिला स्तरीय समिति द्वारा स्थल निरीक्षण कर वर्तमान स्थिति से समिति सदस्यों को अवगत कराया गया। स्थल निरीक्षण में अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व वाली टीम ने सड़कों की स्थिति जीर्ण- शीर्ण बताई।
एचएससीएल द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही की गई है। इस पर आगे से सड़क निर्माण का कार्य एचएससीएल को नहीं दिए जाने, पूरे मामले से राज्य सरकार को अवगत कराने एवं एचएससीएल के विरूद्ध कार्रवाई के लिए अनुशंसा करने को कहा गया।
बैठक में बेरमो विधायक कुमार जयमंगल ने बिजली विभाग को वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना का क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को योजना से लाभांवित करने को लेकर दिशा- निर्देश दिया गया।
विधायक द्वारा डीवीसी के चंद्रपुरा क्षेत्र के वैसे उपभोक्ता जिन्होंने मीटर की राशि कई वर्ष पूर्व डीवीसी को जमा किया है, उन्हें हर हाल में एक माह के अंदर बिजली कनेक्शन करते हुए मीटर अधिष्ठापन को कहा गया। वहीं, गोमियां विधायक द्वारा जारंगडीह में चिलींग प्लांट अधिष्ठापन को लेकर जिला प्रशासन को कार्रवाई करने को कहा गया।
उक्त बैठक में कई प्रतिनिधियों ने योजना के शिलान्यास एवं उद्घाटन की सूचना नहीं मिल पाने की बात कही गयी। उक्त मामले में सज्ञान लेते हुए उपायुक्त चौधरी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसी कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। इस बाबत राज्य एवं उनके स्तर से सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी को स्पष्ट पत्र जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के शिलान्यास/उद्घाटन के प्रोटोकाल का अनुपालन सभी को करना है। तय प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सीधे कार्रवाई का अनुशंसा किया जाएगा।
बैठक में बोकारो में मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई। कहा गया कि पिछले दिनों रांची में मेडिकल कॉलेज का डीपीआर का प्रदर्शन किया गया। जिसकी जानकारी बोकारो विधायक ने समिति सदस्यों को दी। कहा कि कुछ संसोधन को लेकर सुझाव दिया है, जिसे दुरूस्त कर एजेंसी राज्य विकास आयुक्त को डीपीआर समर्पित करेगी। कहा गया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई होगी।
उन्होंने समिति अध्यक्ष की ओर से सरकार को पत्र लिखकर मेडिकल कालेज निर्माण को प्राथमिकता के तहत लेते हुए जल्द कार्य शुरू करने की बात कहीं। सांसद ने कहा कि बोकारो के लिए मेडिकल कॉलेज काफी जरूरी है। इससे जिले को अच्छे चिकित्सक एवं छात्रों को चिकित्सीय शिक्षा मुहैया होगी। मौके पर उपायुक्त ने भवन प्रमंडल को चिन्हित भूमि का कांटा तार से बेरिकेटिंग करने को कहा, ताकि कहीं कोई अतिक्रमण की समस्या नहीं हो।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में जिले में चिकित्सकों की कमी पर भी चर्चा की गई। सांसद ने सिविल सर्जन बोकारो से जिले में स्वीकृत चिकित्सकों के पद व उपलब्ध चिकित्सकों की जानकारी ली। बताया गया कि डीएमएफटी के तहत चिकित्सकों तथा स्टाफ के लिए बहाली प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसके तहत 8 चिकित्सकों का चयन हुआ है, जल्द उनका पदस्थापन हो जाएगा।
शेष चिकित्सकों व् स्टाफ के पदों के लिए एक बार फिर से बहाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बेरमो विधायक जयमंगल ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने, कोविड काल में क्रय किए गए मशीनों/उपकरणों/बेड आदि को आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
बैठक में जिले के पब्लिक सेक्टर यूनिटों (पीएसयू) जैसे डीवीसी, बीएसएल, सीसीएल आदि द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं में एनओसी नहीं प्राप्त होने के कारण योजनाएं लंबित रहने एवं शुरू नहीं होने को लेकर चर्चा की गयी। इस पर समिति अध्यक्ष पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि अगली बैठक से संबंधित पीएसयू के प्रतिनिधियों को भी बैठक में बुलाये।
विकास कार्य में सभी को समन्वयक के साथ आगे बढ़ना होगा। सांसद ने किसी भी मामले के शिकायतकर्ता सदस्य को भी अधिकारियों के निरीक्षण/जांच के क्रम में शामिल करने को कहा, ताकि वह भी जांच से संतुष्ट हो सके।
बैठक में जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरूस्त करने, लोड सेडिंग से पूर्व उपभोक्ता को सूचित करने आदि को लेकर सदस्यों ने निर्देश दिया। कहा गया कि बिजली विपत्रों को समय पर जारी करें। साथ ही सभी पंचायत सचिवालयों में विपत्र भुगतान के लिए शिविर लगाने का निर्देश दिया।
बैठक में सुखाड़, पेयजल एवं स्वच्छता, वन प्रमंडल, लघु सिंचाई, खाद्य आपूर्ति, बांध प्रबंधन, शिक्षा विभाग, कल्याण विभाग, बरसात के बाद पुनः प्रखंडों में दिव्यांगता शिविर का आयोजन करने आदि को लेकर चर्चा की गयी। कुल 30 बिंदुओं पर दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की गई।
इस संबंध में समिति अध्यक्ष सिंह ने जरूरी दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। बैठक में सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक का संचालन अपर समाहर्ता सादात अनवर ने किया।
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