मां ममता व प्यार की होती है मूर्ति, करें सम्मान-बेबी देवी
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। विद्या भारती द्वारा संचालित अनपति देवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर फुसरो में पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष पर मातृ – सम्मलेन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में 16 मई को बोकारो जिला के हद में अनपति देवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर फुसरो में मातृ सम्मलेन समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के पूर्व मंत्री सह झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष बेबी देवी, ढ़ोरी क्षेत्र के एसओपी माला कुमारी, विकास समिति के प्रदेश सचिव नकुल कुमार शर्मा, प्रदेश सह सचिव डॉ पूजा कुमारी, महिला थाना प्रभारी बेरमो सुमन कुमारी, धनबाद विभाग के विवेक नयन पांडेय, समाजसेवी दीप्ती शर्मा, अर्चना शर्मा आदि मौजूद रहीं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि बेबी देवी ने कहा कि बाल्यावस्था में मां की अहम भूमिका होती है। कहा कि माता के अभाव में बालक का विकास रुक जाता है। मां ममता, प्यार व वात्सल्य की मूर्ति होती है। एसओपी माला कुमारी ने कहा कि विद्यालय में मातृ दिवस समारोह का आयोजन एक अच्छी पहल है। इससे छात्र -छात्राओं में अपनी माता के प्रति आदर व सम्मान बढ़ेगा। प्रदेश सचिव नकुल कुमार शर्मा, प्रदेश सह सचिव डॉ पूजा कुमारी, महिला थाना प्रभारी सुमन कुमारी और समाजसेवी दिव्या शर्मा ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिरों में संस्कार व गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है।
प्रधानाचार्य पंकज मिश्रा ने अतिथियो का स्वागत किया। मौके पर विद्यालय के अध्यक्ष राकेश शर्मा, सचिव अमित कुमार सिंह, उपाध्यक्ष राम नरेश द्विवेदी, उपाध्यक्ष दीपक कुमार अग्रवाल, कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन के सचिव धीरज कुमार पांडेय, मकोली मंदिर के अध्यक्ष अखिलेश सिंह, सचिव विद्या निकेतन छेदी नोनिया, स्टाफ क्वार्टर विद्यालय के अध्यक्ष ओम शंकर सिंह व सचिव सुमित वंशल सहित अनिल अग्रवाल, वृज बिहारी पांडेय, जवाहरलाल यादव, सुरेश बंसल, विद्यालय के छात्र अध्यक्ष उपस्थित थे।
समारोह में गायत्री परिवार, मारवाड़ी महिला समिति, मारवाड़ी महिला सम्मेलन, सृजन शाखा शिव चर्चा परिवार, ब्रह्माकुमारी परिवार इत्यादि संस्थाओं के गणमान्य काफी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर पूरे संकुल से कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन, शिशु मंदिर ढोरी, शिशु मंदिर मकोली, पिछरी एवं विद्या मंदिर तुपकाडीह से लगभग सौ से अधिक की संख्या में आचार्य और दीदी उपस्थित थे। मातृ सम्मेलन में कस्तूरबा संकुल के 6 विद्यालयों के भाई, बहनों की माताएं और अन्य महिलाओं की लगभग एक हजार से अधिक संख्या मे उपस्थित हुए।
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