विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। खतियानी जमीन पर जबरन कब्जा करने संबंधित आईईएल द्वारा भू-मापी के अवसर पर राज्यमंत्री योगेंद्र प्रसाद सहित कई अधिकारीगण शामिल थे। जांच दल ने दस दिनों का समय रहिवासियों को दिया है।
आईईएल गोमियां द्वारा रैयतों के खतियानी जमीन पर जबरन कब्जा करने से संबंधित जांच एवं भूमि मापी के लिए गठित जांच दल में शामिल मंत्री दर्जा प्राप्त योगेंद्र प्रसाद महतो 15 दिसंबर को अंचल कार्यालय पहुंचे। उनके साथ जांच दल में शामिल अपर समाहर्ता सादात अनवर, एसडीओ बेरमो अनंत कुमार, सीओ संदीप अनुराग टोपनो एवं सीओ पेटरवार मौजूद थे।
अंचलाधिकारी के कार्यालय में संबंधित बैठक में मंत्री महतो ने कहा कि कोविड काल में जब सभी घरों में दुबके हुए थे तो आईईएल मैनेजमेंट सियारी, खम्हरा आदि के रैयतों के खतियानी जमीन पर कब्जा करने में लगा था।
इस दौरान प्रबंधन द्वारा लगभग एक हजार एकड़ जमीन पर घेराबंदी कर जबरन कब्जा जमा लिया गया। बैठक में आईईएल मैनेजमेंट से पहुंचे लोगों को 6 बिंदुओं से संबंधित कागजात मांगा गया और 10 दिनों का समय इसके लिए जांच दल ने दिया। जिसमें संबंधित कागजात इस प्रकार है।
आईईएल गोमियां द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि का साक्ष्य(डीड की कॉपी), अधिग्रहित भूमि का भूमि विवरणी, ग्रामवार(खाता, प्लॉट, रकवा सहित), अधिग्रहित भूमि का नक्शा सक्षम पदाधिकारी द्वारा सत्यापित, अधिग्रहित भूमि का नक्शा, भूमि अधिग्रहण के पश्चात दाखिल खारिज कागजात, भूमि अधिग्रहण के बाद रैयतों एवं सरकार को दिए गए मुआवजा भुगतान से संबंधित साक्ष्य।
बताया जाता है कि सियारी पंचायत के विभिन्न मौजा, खम्हरा आदि के रैयतों ने आईइएल मैनेजमेंट पर उनकी खतियानी भूमि पर जबरन कब्जा कर लेने की शिकायत मंत्री महतो से आवेदन के माध्यम से की गयी थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी शिकायत की थी। मुख्यमंत्री द्वारा उपायुक्त बोकारो को अग्रेत्तर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके बाद मामले की जांच एवं भूमि मापी के लिए एक जांच दल गठित की गई।
263 total views, 1 views today