एस. पी. सक्सेना/बोकारो। हाल के वर्षो में सरकारी तथा गैर सरकारी विभागों द्वारा धड़ल्ले से प्रेस रिलीज जारी करना। यह व्यवस्था उन विभागों के लिए एक तो घाटे का सौदा साबित हो रहा है तो दूसरे विभागीय अधिकारियों के लिए सही तथ्यों को छुपाने का डैमेज कंट्रोल।
उक्त बातें देश के एक प्रतिष्ठित दैनिक अखबार के बोकारो जिला संवाददाता निर्मल महाराज ने 7 सितंबर को एक भेंट में कही। महाराज के अनुसार खासकर बोकारो के कई विभाग प्रेस वार्ता करना नहीं चाहते हैं। वे पत्रकारों से सामना नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि अगर पत्रकार पहुंचेंगे तो सवाल पर सवाल डालेंगे।
इस कारण ही कई विभाग हाल के वर्षो में अपने अनुसार प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अखबार तथा खबरणवीस तक भेजना शुरु कर दिया है। ताकि खबर उनके अनुसार ही अखबार में प्रकाशित किया जाए। जबकि कहा जाए तो यह बिल्कुल गलत है। प्रेस विज्ञप्ति जारी करने से पहले एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जा सकता है।
उसके बाद ही प्रेस रिलीज जारी किया जाए, ताकि उक्त प्रेस वार्ता में पत्रकार पहुंचे और संबंधित मामला में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब उक्त विभाग दे। लेकिन अब देखा जा रहा है कि कई विभाग प्रेस वार्ता ना करके अपना एक निजी ग्रुप बनाकर अपने मनचाहा ढंग से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हैं, ताकि उनके अनुरूप ही पत्रकार उक्त खबर को प्रकाशित करें। यह बिल्कुल ही गलत है। इससे कई अनछुए पहलू छूट जाता है।
महाराज के अनुसार नियमानुसार प्रेस रिलीज जारी करने से पहले एक प्रेस वार्ता रखा जाए, ताकि प्रेस वार्ता में पत्रकार पहुंचकर सवाल जवाब कर सके। तभी जनमानस सही तथ्यों से अवगत हो पायेगा।
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