एस. पी. सक्सेना/बोकारो। झारखंड आंदोलन में दिशोम गुरु शिवू सोरेन, टेकलाल महतो, शिवा महतो तथा विनोद बिहारी महतो के साथ कदम से कदम मिलाकर आंदोलन को नई धार देने वाले निवर्तमान झामुमो बोकारो जिला उपाध्यक्ष मनोहर मूर्मू ने कभी भी पद की लालसा नहीं की। बावजूद इसके पार्टी और संगठन में उन्हें खास तरजीह नहीं देने से खासे नाराज चल रहे हैं। हालांकि फिजा में यह चर्चा है कि झामुमो बोकारो जिलाध्यक्ष के पद पर उनकी प्रबल दावेदारी बन रही है।
इस संबंध में 16 मार्च को बोकारो जिला के हद में पेटरवार स्थित पार्टी के जिला प्रधान कार्यालय में एक भेंट में झामुमो जिला उपाध्यक्ष मनोहर मूर्मू ने कहा कि उन्हें पार्टी अथवा संगठन के किसी भी पद की लालसा कभी भी नहीं रही।
बावजूद इसके उन्हें पार्टी फ़ोरम पर उचित सम्मान नहीं दिए जाने से वे काफी आहत है। उन्होंने बताया कि एक समय जब झारखंड राज्य आंदोलन को धार देने की जरूरत आन पड़ी थी और हमारे दर्जनों आंदोलनकारी जेल की सलाखों में चले गए थे। वैसी परिस्थितियों में गुरुजी (शिबू सोरेन) तथा विनोद बिहारी महतो के विशेष आग्रह पर उन्होंने बोकारो, गिरिडीह तक हजारीबाग जिला की कमान संभाली और आंदोलन को एक नया रूप दिया था, जिससे प्रशासनिक महाकमे में हड़कंप मच गया था।
कहा कि आज हमारे जैसे कर्मठ तथा समर्पित नेता हाशिए पर देखे जा रहे, जबकि लालची किस्म के वैसे नेता जिनकी आंदोलन में कोई खास भूमिका नहीं थी। वैसे की ही पूछ हो रही है। यह पार्टी और संगठन के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हमारे जैसे आंदोलनकारी से बर्दाश्त नहीं हो रहा है। ऐसे में जरूरत पड़ी तो वैसे छूटभैया नेताओं के खिलाफ उनके द्वारा एक और आंदोलन की जाएगी।
इसलिए पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिशूम गुरु शिबू सोरेन, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे पार्टी राज्य में पूरी तरह मजबूत हो सके। मौके पर उदय बेदिया, सुरेश कुमार सोरेन, मोहम्मद हारुन रशीद, राजेश किस्कू सहित अन्य उपस्थित थे।
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