मेले में साल में तीन बार फलन देनेवाला आम का पौधा बना आकर्षण का केंद्र

लाल मालदह, नीला, काला आम का पौधा भी बिक्री के लिए उपलब्ध

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के कृषि प्रदर्शनी में हाजीपुर का राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आत्मा पौधा प्रवर्धन केंद्र का इस वर्ष 2024 के मेले में डंका बज रहा है। उसकी शोहरत और कीर्तिमान का जादू दर्शकों के सर चढ़कर बोल रहा है।

सोनपुर मेला में औषधीय जड़ी-बूटियों की बिक्री के साथ-साथ मेला दर्शकों को उसके संबंध में उपयोगी जानकारी भी दी जा रही है। पौधा प्रवर्धन केंद्र के विशेषज्ञ एवं कई राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पर सम्मानित रामवीर कुमार चौरसिया ने 5 दिसंबर को उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस बार इस पौधा प्रवर्धन केंद्र में आम के 49 प्रमुख एवं शंकर, हाइब्रिड प्रभेद बिक्री के लिए लाए गए हैं।

जिनमें सफेद मालदह, सुकूल, सिपिया, बम्बई, जर्दा, जर्दालु, मिठुआ, कृष्ण भोग, हेमसागर, दशहरी, चौसा, गुलाब खास, बेलखास, लाल मालदह, दयाल सिंह, कलकतिया, फजली (भोटवा), कंचन, राड़ी, पहाड़‌पुर सिन्दुरिया, बरमसीया, बथुआ, चंपा रानी, महबूब केलवा, मीरजाफर, अलफांसो शामिल है।इसके अलावा आम के ही शंकर, हाइब्रिड प्रभेद वाले 23 पौधों की बिक्री हो रही है, जिनमें आम्रपाली, मल्लिका, स्वर्ण रेखा, लालमोहन, भारत दर्शन, जवाहर, नीला आम, काला आम, ऐपल क्रॉस आम, सिंधु, भाष तारा (साल में तीन बार फलन), हापुर, रत्ना, प्रभान्ज शंकर, नीलम, केशर आम, ऐपल मैंगो, क्यूजा, ब्लू मैंगो, बनाना मैंगो, शूट मैंगो, पालमर मैंगो, ऑल टाइम आम (थाई लैंड मैंगो) शामिल है।

चौरसिया ने बताया कि उनके प्रवर्धन केंद्र में औषधीय जड़ी-बूटी का पौधा भी है जिसमें अश्वगंधा, सर्पगंधा, धृतकुमारी, ब्रह्माणी, कालमेघ, भृंगराज, चिरायता, दाल चीनी सहित 42 पौधे भी बिक रहे हैं। बताया कि मेला दर्शकों को इसके संबंध में उपयोगी जानकारी भी दी जा रही है। इसके अलावा पपीता, नींबू, आंवला, अनार, बेर, शरीफा, कटहल, फूल -पौधा, कृषि वानिकी आदि के पौधे भी बिक्री हो रहे हैं।

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