दो सौ फिट का तिरंगा झंडा लेकर माले ने निकाला आजादी मार्च

संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ-शहीदों के सपनों का भारत बनाओ का दिया नारा

एसपी सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। आजादी की 75वीं वर्षगांठ, 1942 की जनक्रांति की 80वीं और खुदीराम बोस के शहादत की 114वीं वर्षगांठ पर संविधान बचाओ, आदि

लोकतंत्र बचाओ-शहीदों के सपनों का भारत बनाओ संकल्प को लेकर अपने देशव्यापी आह्वान के तहत भाकपा माले ने 11 अगस्त को दो सौ फिट का तिरंगा झंडा लेकर जिला मुख्यालय में आजादी मार्च निकाला गया। आजादी मार्च आजादी की 75वीं साल को “हम भारत के लोग” के संकल्प को मजबूती प्रदान करने का आह्वान आमजनों से किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में भाकपा माले समेत आइसा, इनौस, ऐपवा, किसान महासभा, खेग्रामस, इंसाफ मंच, जसम आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शहर के मालगोदाम चौक स्थित भाकपा माले जिला कार्यालय से 2 सौ फिट के तिरंगा झंडा लेकर आजादी मार्च निकाला। मार्च स्टेशन रोड, आदि।

पुरानी पोस्ट आफिस रोड, चीनी मिल चौक होते हुए भगत सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद ओभरब्रिज चौराहा, स्टेडियम गोलंबर, समाहरणालय का भ्रमण करते हुए मार्च अंबेडकर स्थल पहुंचकर बाबा साहेब के मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने किया।

मौके पर माले जिला कमिटी सदस्य अमित कुमार, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, बंदना सिंह, उपेंद्र राय, जीबछ पासवान, ललन कुमार, मनीषा कुमारी, फूल बाबू सिंह, राजकुमार चौधरी, सुनील कुमार, अनील चौधरी समेत डॉ खुर्शीद खैर, अशोक कुमार, महेश कुमार, लोकेश राज, राजू कुमार झा, उमेश कुमार, महेश पासवान, नईम अंसारी, दिनेश कुमार सिंह, जितेंद्र सहनी, रौशन कुमार आदि ने सभा को संबोधित किया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि 2022 का विशेष महत्व है। यह भारत की आजादी की 75वीं, 1942 की जनक्रांति की 80वीं एवं खुदीराम बोस के शहादत की 114वीं वर्षगांठ है। देशवासियों की सांझी विरासत ने शहादत देश को अंग्रेजों से आज़ाद कराया।

लोकतंत्र और संविधान स्थापित हुआ। धर्मनिरपेक्षता के साथ ही मौलिक अधिकार लागू हुआ। वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों, लोकतंत्र, संविधान से प्रेरणा लेकर इसे आगे बढाने की जरूरत है, लेकिन भाजपा सरकार लोकतंत्र, संविधान, मौलिक अधिकार का हनन कर रही है। मना तो रही है आजादी का अमृत महोत्सव लेकिन समाज में जहर घोल रही है।

जगह-जगह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। सरकार की गलत नीतियों के विरोध करने वाले को देशद्रोही कहा जा रहा है। सच लिखने, बोलने, दिखाने वाले पर मुकदमा किया जा रहा है। उन्हें जेल भेजा जा रहा है। उन्हें तरह- तरह से परेशान किया जा रहा है। देश पर तानाशाही थोपा जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर बेतहाशा महंगाई, बेरोजगारी से देशवासी परेशान हैं, लेकिन सरकार द्वारा कारपोरेट घराने को देश को लूटने की खुली छूट दी जा रही है। उनके लोन, टैक्स माफ किया जा रहा है। सरकारी संस्थान, उपक्रम एवं धरोहरों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

ऐसी स्थिति में देश के आजादी आंदोलन, स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर देशविरोधी भाजपा की मोदी सरकार को आगामी चुनाव में सत्ता से बेदखल करने को संघर्ष तेज करने का संकल्प लेना है।

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