एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। काॅमरेड नागभूषण पटनायक के अनन्य सहयोगी, भाकपा-माले की उड़ीसा राज्य कमिटी के पूर्व सचिव तथा पार्टी की केंद्रीय कमिटी के पूर्व सदस्य काॅ क्षितिज विश्वास का बीते 12 जनवरी की रात निधन हो गई।
92 वर्षीय काॅ विश्वास के निधन पर भाकपा-माले (Bhakpa male) ने गहरा दुःख जताया है। माले कार्यकर्ताओं द्वारा 14 जनवरी को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।
इसे लेकर 14 जनवरी को समस्तीपुर जिला (Samastipur district) कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पार्टी के जिला सचिव सचिव प्रोफेसर उमेश कुमार, जिला स्थाई समिति सदस्य कॉ सुरेंद्र प्रसाद सिंह, जिला कमिटी सदस्य कॉ राम कुमार, किसान महासभा के जिला संयोजक कॉ ललन कुमार, इनौस के दिनेश कुमार सिंह आदि नेताओं ने भाग लिया।
मौके पर जिला सचिव प्रो. उमेश (District secretary Pro.Umesh) ने कॉ क्षितिज के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उड़ीसा में न केवल भाकपा-माले के बल्कि वामपंथी आंदोलन के वे एक बड़े स्तम्भ थे।
काॅ नागभूषण पटनायक के प्रभाव में वे सीपीआई (CPI) से सीपीएम होते हुए 1987 में आईपीएफ से जुड़े और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तथा उड़ीसा के राज्य अध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने कहा कि आईपीएफ के भंग होने पर कॉ क्षितिज भाकपा-माले की उड़ीसा राज्य कमिटी के सचिव बने।
वर्ष 1997 के बनारस पार्टी कांग्रेस (Banaras party congress) में उन्हें पार्टी की केेंद्रीय कमिटी में चुना गया और 2013 तक वे केंद्रीय कमिटी के सदस्य बने रहे। उनके नेतृत्व में उड़ीसा में भाकपा-माले का चौतरफा विकास हुआ।
उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर में काॅ नागभूषण पटनायक भवन बनाने में उन्होंने अथक मेहनत की। गांव-कस्बों से चंदा इकट्ठा करके उन्होंने भवन बनवाया। उनके निधन से उड़ीसा और पूरे देश ने एक मजबूत वामपंथी स्तम्भ को खो दिया है।
कॉ उमेश ने कहा कि कम्युनिस्ट आंदोलन के निर्माण में उनकी महती भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वे लगातार वामपंथी आंदोलन को सुदृढ़ करने में लगे रहे।
विगत दो सालों से बेड रिडेन होने के बावजूद राजनीतिक-सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता लगातार बनी रही। आज फासीवाद के हमले के दौर में वामपंथ के विस्तार का समय है। हम काॅ विश्वास के बताए कदमों पर चलते हुए फासीवादी ताकतों को शिकस्त देने का आज संकल्प लेते हैं।
378 total views, 1 views today