सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। विगत 4 सालों से पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में आदिवासी बहुल राईका गांव में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां के कारो नदी और कांटे नाला नदी मिलन तट पर स्थानीय रहिवासी श्रद्धालू बड़ी संख्या में महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाते है।
जानकारी के अनुसार पूर्व की भांति इस वर्ष भी हो आदिवासी दिउरी और सहायोगिक दिउरी द्वारा भोला बाबा और मां पार्वती, विघ्नहर्ता श्रीगणेश, कार्तिक आदि देवताओं की पूजा अर्चना कर सारंडा स्थित राईका गांव के लिए सुख शांति की कामना की गई।
बताया जाता है कि हो आदिवासी समाज के दिउरी धुनसिंह ने विधिवत शिवरात्रि की पूजा कराई एवं बताया कि गांवों में बहुत सारे रहिवासियों को बीमार का सामना करना पड़ता है। जब से दो मिलन नही स्थान कांटे नाला नदी और कारो नदी में भोलेबाबा और मां पार्वती के पूजा का शुरुआत किया गया, तब से गांव में खुशहाली है।
दो नदी जुड़ा कांटे नाला और कारो नदी तट पर हो आदिवासी रहिवासियों ने स्नान कर महाशिवरात्रि भोलेबाबा और मां पार्वती की पूजा अर्चना कर गांव के कल्याण के लिए कामना की। मौंके पर दिउरी कानुराम सिरका, धूनसिंह कराई, सुखराम सिरका, चरन सिरका व् अन्य ग्रामीण रहिवासियों के बीच उपस्थित थे।
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