पूर्व मंत्री ने जरूरतमंदो के बीच बांटे कंबल
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। रैयत विस्थापितों के आह्वान पर 30 दिसंबर की देर संध्या सूबे के पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने बोकारो जिला के हद में गोमियां प्रखंड के मोहली बांध कथारा पहुंचे। यहां पूर्व मंत्री ने रैयत विस्थापितों की समस्या से अवगत हुए तथा जरूरतमंद गरीबों के बीच दर्जनों कंबल बांटे।
जानकारी के अनुसार महली बांध में ओएनजीसी कार्यालय के समक्ष रैयतो द्वारा किए जा रहे आंदोलन को लेकर राज्य के पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने स्थल का दौरा किया तथा उन्होंने रैयतों से उनकी समस्याएं सुनी। रैयतों ने पूर्व मंत्री से कहा कि वर्ष 2008 से उक्त कंपनी यहां से उनकी भूमि को लेकर गैस का निस्तारण करती रही है।
वर्ष 2006 में जब उक्त कंपनी भूमि का अधिग्रहण कर रहा था, तब कंपनी द्वारा बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा की समस्या समाधान सहित कहा था कि ठेका संबंधी जो भी कार्य किया जाएगा उसमें स्थानीय रैयतों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। बावजूद इसके कंपनी उनके साथ वादा खिलाफी करती रही है।
रैयत मनीलाल सिंह ने पूर्व मंत्री से कहा कि पूर्व में वर्ष 2012 से 2020 तक वे उक्त कंपनी को पानी की आपूर्ति करते रहे हैं। अब उक्त कंपनी पानी आपूर्ति का ठेका दूसरे जगह के ठेकेदार के जिम्मे दे दिया है, जिससे उनके समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गया है।
मौके पर पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने कहा कि ओएनजीसी कंपनी रैयतों के साथ वादा खिलाफी कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रैयतों को एकजुट होकर लड़ने की बात कही। साथ ही कहा कि वे रैयतों के साथ हैं।
उपस्थित बांध पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बबलू यादव ने कहा कि वे आगामी पांच जनवरी को अपने पंचायत के तमाम रैयत विस्थापितों के साथ समस्या समाधान को लेकर बैठक करेंगे। उक्त बैठक में जो रणनीति बनेगी उसे कार्यरूप दिया जायेगा।
मौके पर पूर्व मंत्री सिंह ने दो दर्जन से अधिक जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया। इस अवसर पर कथारा ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह, मुखिया प्रतिनिधि बबलू यादव, राजकुमार यादव, रैयत मणिलाल सिंह, शक्ति सिंह, अनुज सिंह, छुटु सिंह, सत्य नारायण सिंह, बच्चा सिंह, घनश्याम यादव, संदीप यादव, दिनेश यादव, आदि।
लालजी रजवार, जग्गू सिंह, रमनी देवी, सरस्वती देवी, मीना देवी, सुमित्रा देवी, पंचली देवी, रीता देवी, प्रमिला देवी, कांति देवी, भीगनी देवी, सुनीता देवी, बसंती देवी, छुटकी देवी, रेखा देवी, शकुंतला देवी, लोधी देवी, पूर्णी देवी, लीला देवी, करणी देवी, मीना देवी, नीलम देवी, पूजा देवी सहित सौ से अधिक विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के रैयत विस्थापित उपस्थित थे।
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