बीटीएस पिलानी से इस्तीफा दे डीएवी गुवा में माधवी पांडेय ने संभाला पदभार

बच्चों की उन्नति व् चरित्र निर्माण के लिए विद्यालय का विकास किया जाएगा-प्राचार्या

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। काफी अर्से बाद पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में नई शुरुआत देखने को मिली, जब माधवी पांडेय ने प्राचार्या के रूप में यहां पदभार ग्रहण किया। विद्यालय परिसर में उनका स्वागत विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं बच्चों द्वारा गुलदस्ता भेंट कर किया गया। पूरे माहौल में उत्साह और नई उम्मीदों की झलक दिखाई दी।

बताया जाता है कि डीएवी गुवा की नयी प्राचार्या माधवी पांडेय को शिक्षा जगत में दीर्घकालीन अनुभव प्राप्त है। प्राचार्या के लिए डीएवी गुवा डीएवी संस्था का पहला स्कूल है। इससे पूर्व वे राजस्थान के बीटीएस कैंपस पिलानी संस्था के तहत कार्यरत थी। वे संत मैरी कॉन्वेंट स्कूल शास्त्री नगर गाजियाबाद, यूपी, आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल (रेहला) और बीरला बालिका विद्यापीठ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवा दे चुकी हैं।

ऐसे अनुभवी नेतृत्व के आगमन से डीएवी गुवा को निश्चित ही नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने में मदद मिलेगी। पदभार ग्रहण करने के उपरांत प्राचार्या पांडेय ने 2 मई को शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का हस्तांतरण नहीं, बल्कि एक बेहतर और सभ्य समाज के निर्माण का माध्यम है। उन्होंने कहा कि, हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों का समग्र उन्नति और उनके चरित्र निर्माण पर रहेगी।

हम चाहेंगे कि हर छात्र न केवल पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करे, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक बने। उन्होंने कहा कि विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को मिलकर सबका साथ, विद्यालय का विकास के सिद्धांत पर काम करना होगा। उन्होंने सहयोग की भावना के साथ कार्य करने की अपील की। इस अवसर पर विकास मिश्रा, रंजना प्रसाद, पुष्पांजलि नायक, आशुतोष शास्त्री, आकांक्षा सिंह, जयमंगल, राजवीर सिंह, योगेन्द्र त्रिपाठी, अनिरुद्ध दत्ता, ललित कुमार बेहरा, पवन कुमार, विजय मालवा सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

दूसरी ओर पांडेय के आगमन से विद्यालय परिवार में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। समस्त शिक्षक वर्ग एवं छात्र समुदाय ने उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में डीएवी गुआ न केवल शैक्षणिक परिणामों में उत्कृष्टता प्राप्त करेगा, बल्कि नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में उभरेगा।

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