प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। गुवा स्थित सेवा नगर और कूपर बस्ती के मां मंगला मंदिर में 12 अप्रैल को मां मंगला उषा की पूजा श्रद्धापूर्वक की गई। इस पर्व को करने वाले लोग स्नान कर नये वस्त्र पहन पारम्परिक ढोल-मांदर के साथ सेवा नगर और मां मंगला मंदिर गुवा कारो नदी कुसुम घाट पहुंचे।
यहाँ विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद माता के चरण पखारते हुये क्षेत्र एवं अपनों की सुख समृद्धि के लिये पूजा अर्चना की। इसके बाद कलश व घाट में गुवा कारो नदी कुसुम घाट से पानी भर घट यात्रा करते अपने-अपने घरों की ओर रवाना हुये।
कलश अथवा घट यात्रा के दौरान अजीबो-गरीब नजारें देखने को मिला, जब कई महिलाएँ अपने-अपने पैरों में घूंघरू बांधे तथा बालों को खोल झूमती नजर आई। जिसे अगल-बगल के रहिवासी हाथ में लिए हुए दिखे। करीब 350 महिलाएं विगत एक माह से पूजा अर्चना की र्तैयारी करते रहे। परिणाम स्वरुप 12 अप्रैल को विधिवत पूजा का समापन हो गया।
ऐसा करने के पीछे यह तर्क दिया गया की इन महिलाओं के शरीर में देवी प्रवेश की है। जिस वजह से वह उनकी अराधना में सारे चीजों को भूलकर लीन है। माँ मंगला उषा पर्व के दौरान सेवा नगर बस्ती स्थित माँ मंगला मंदिर में पूजा-अर्चना हेतु श्रद्धालू रहिवासियों की भारी भीड़ लगी रही।
वहीं गुवा के सेवा नगर स्थित हरिजन बस्ती में मां मंगला की पूजा अर्चना में भी रहिवासियों की काफी भीड़ रहा। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने मुर्गा, बतख, कबूतर, बकरा आदि की बली चढ़ाया।
इस मौके पर पुजारी अशोक नायक, मुखिया चांदमूनी लागुरी, मां मंगला पूजा कमेटी के राजेश गोच्छाईत, अभिमन्यु गोच्छाईत, अरुण गोच्छाईत, दीपक गोच्छाईत, टीमू गोच्छाईत, प्रीतम गोच्छाईत , शंकर गोच्छाईत, संजू गोच्छाईत, राहुल गोच्छाईत, उत्तम गोच्छाईत, गौतम गोच्छाईत, कैशल गोच्छाईत, अजीत गोच्छाईत, कार्तिक गोच्छाईत एवं समस्त गोच्छाईत पुरुष, महिलाएं एवं बच्चे शमिल थे।
293 total views, 1 views today