शर्मनाक है अधिकारियों का दिखावा
मुश्ताक खान/मुंबई । साजिश के तहत वाशीनाका के अय्यप्पा मंदिर को करीब डेढ़ दो साल पहले मनपा एम पश्चिम के रोड़ विभाग (BMC, M- west Road department) द्वारा पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया था।
अब मंदिर कि जगह पर दुकानों के बनने का सिलसिला जारी है। हालांकि हाल ही में मनपा द्वारा कार्रवाई की गई थी। जिसे स्थानीय नेता व रहिवासियों ने महज दिखावा करार दिया है। मनपा के वार्ड क्रमांक 155 में ध्वस्त किये अय्यप्पा मंदिर के भक्तों में अब भी रोष व्याप्त है और पुजारी बेरोजगार हो गए। जोकि यहां के अभियंताओं के लिए शर्मनाक है।
मिली जानकारी के अनुसार दशकों से आस्था का केंद्र रहा चेंबूर के आर सी मार्ग पर स्थित वाशीनाका का अय्यपा मंदिर भू माफियाओं की भेंट चढ़ गया। इसे तोड़वाने के साथ-साथ साजिश कर्ताओं ने उसके मलबे को भी पूरी तरह साफ करा दिया।
सूत्रों के अनुसार यह तोड़क कार्रवाई अय्यप्पा मंदिर के संस्थापक और सदस्यों में पड़ी फूट का नतीजा, बताया जा रहा है। इस मंदिर के टुटने से यहां के बड़ी संख्या में अय्यप्पा भक्तों को झटका लगा है। वहीं पुजारी बेरोजगार हो गए।
अय्यप्पा मंदिर को तोड़वाने और उक्त स्थान पर दुकान बनाने का खेल काफी लंबे समय से चल रहा था। इसके लिए मंदिर से जुड़े लोगों ने मनपा के रोड़ विभाग के अधिकारियों को मोहरा बनाया। इतना ही नहीं अधिकारियों को चढ़ावा के साथ यह भी लॉलीपॉप दिया गया की दुकान खुलने से उन्हें पगार की तरह यहां से भी हफ्ता मिलने लगेगा।
मोटी कमाई के चक्कर में विभाग द्वारा तोड़ दिया गया। यहां सवाल यह उठता है कि तोड़े गए स्थान पर अब अवैध निर्माण क्यों और कैसे हो रहा है? इस मुद्दे पर मनपा एम पश्चिम के बिल्डिंग एन्ड मैंटेनेंस व रोड़ विभाग से बात करने पर अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ने की कोशिश की।
एम पश्चिम के एक अधिकारी ने बताया कि मामला मंदिर से जुड़ा है इस लिए मनपा के आला अधिकारियों के संज्ञान में देना चाहिए। मंदिर कि जगह पर अवैध रूप से दुकान या मकान बनना उचित नहीं है।
303 total views, 1 views today