रसोई गैस मूल्यवृद्धि और विस्थापितों पर दमन केंद्र सरकार का उपहार-भाकपा माले

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। अमेरिका द्वारा प्रवासियों की नागरिकता को खत्म कर बाहर करने और टैरीफ दरों में 104 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दुनियां के देशों को धमकी देने जैसी कार्रवाई है। भारतीयों के साथ अपमानजनक व्यवहार केन्द्र की मोदी सरकार के विश्व गुरु बनने के अभियान को खुली चुनौती है।

उपरोक बाते 10 अप्रैल को भाकपा माले गोमिया प्रखंड सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए माले राज्य स्थायी कमिटी सदस्य भुवनेश्वर केवट ने कही। उन्होंने कहा कि रसोई गैस में मूल्यवृद्धि और विस्थापितों पर दमन केंद्र सरकार का उपहार है। मजदूर किसान और विस्थापित विरोधी फैसलों के खिलाफ आगामी 22 से 24 अप्रैल को माले का झारखंड राज्य सम्मलेन और 20 मई को आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल अडानी, अंबानी और मोदी सरकार की कंपनी राज की विदाई का आन्दोलन की शुरुआत होगी।

सम्मेलन की अध्यक्षता पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया, जिसमें शोभा देवी, उमेश राम, परिमल डे, मनोवर राय तथा मैमून खातून शामिल थे। सम्मेलन की शुरुआत बोकारो में विस्थापित आन्दोलन के शहीद प्रेम महतो समेत कम्युनिस्ट आन्दोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि से की गयी। सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र में दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए माले गोमिया प्रखंड सचिव सुरेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियां जन विरोधी और गरीब विरोधी है।

सरकार सहारा जैसे चिटफंड कंपनियों से जनता के रूपये वापस तो नहीं कराई, उल्टे महंगाई बढ़ाकर आम जनता की जिंदगी को संकट में डाल रही है। प्रखंड की जनता के सवालों को लेकर भाकपा माले हमेशा संघर्षरत रही है। जमीन, मजदूरी और सुनिश्चित रोजगार, आजीविका के लिए संघर्ष तेज़ करेगी। महिला नेत्री व् सम्मेलन के प्रतिनिधि शोभा देवी ने कहा कि देश में बलात्कार की संस्कृति को बढ़ावा मिल रही है। अकेले उत्तरप्रदेश में एक साल में डेढ़ हजार से अधिक बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।

यह राम राज्य नहीं बल्कि रावण राज से भी बदतर सरकार है। दु:खद बात तो ये है कि बलात्कारियों को बचाने के लिए रैलियां निकाली जा रही है। महिला उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता और एकता ही अंतिम उपाय हैं। माले के वरिष्ठ नेता उमेश राम ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र के रहते तानाशाही और थोपी हुई फैसले हम सभी को मंजूर नहीं है। आगामी 20 मई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल एतिहासिक होगी। सम्मेलन के माध्यम से 11 सदस्यीय कमिटी बनाई गई।

 37 total views,  3 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *