एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। वॉइस इन्टू थिएटर तथा मंजरी मणि त्रिपाठी द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक ईहा का मंचन 25 सितंबर को बिहार की राजधानी पटना स्थित प्रेमचंद रंगशाला में किया गया।
लोक पंच द्वारा प्रस्तुत नाटक ईहा स्लम के उन बच्चों के बारे में है जो शिक्षा से वंचित हैं। जो जंगली फूल की तरह उग गए हैं। वे अपने वजूद का खाद और पानी भी खुद हीं जुटा रहे हैं। उनके पास ना उनके हिस्से की धरती है और ना ही आसमान।
यह नाटक उन बच्चों के जीवन पर प्रकाश डालता है, जो शिक्षा से वंचित हैं। उसी तबके की एक बच्ची ईहा अपने अस्तित्व के लिए वहाँ संघर्ष कर रही है, जहाँ सिर्फ अंधियारा है। ना उनके सर पे छत है, और ना ही अपनी धरती। वैसे बच्चे अपने सपने और ज़िम्मेदारियों के बीच जूझ रहे है वो समझ चुके है कि शिक्षा ही उसे बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकती है।
पर क्या वो या ईहा जैसे तमाम बच्चे कभी स्कूल जा पाएंगे? क्या उनके जीवन का अंधियारा कभी मिट पाएगा? क्या ईहा कभी भी अपने हिस्से का आसमान ढूंढ पाएगी? उक्त नाटक के मंच पर बाल कलाकार लक्ष्मी, सुर्वी, विकास, कोमल, विक्की, खुशी, नेहा, अंकित, संध्या, आनंद, रोली, बादल, डुग्गु, नैतिक, राखी, समर, आकाश आदि ने अद्भुत दृश्य प्रस्तुत की है।
जबकि मंच से परे संगीत मो. जॉनी, नाल वादक राजीव घोष, पोस्टर कृष्ण समीद्ध, अनिकेत कुमार एवं सैंटी कुमार, वस्त्र विन्यास सैंटी कुमार, रूप सज्जा जितेंद्र कुमार जीतू, प्रकाश परिकल्पना राजीव रॉय, प्रकाश परिकल्पना सहयोग निखिल ठाकुर, ध्वनि-सानू कुमार, प्रोजेक्शन चिंटू कुमार, सेट डिज़ाइन सैंटी कुमार, सेट निर्माण सुनील कुमार शर्मा, प्रॉप्स सानू कुमार, मार्गदर्शन रणधीर कुमार, आदि।
संरक्षक डॉ सुशील कुमार, पारिल्पक सैंटी कुमार, कैमरा आर्यन कुमार, कृष्णा कुमार फोटो सत्य प्रकाश, प्रस्तुति सहयोग दीक्षा फाउंडेशन के बरून सर, गौतम सर, रविकांत सिंह, विनय कुमार, प्रकाश कुमार भारती, जमाल , सूरज प्रकाश, अमित कुमार, आरती आदि ने नाटक में चार चांद लगा दी है। उक्त जानकारी कलाकार साझा संघ के सचिव एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी मनीष महीवाल ने दी।
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