ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनु-बोकारो नहर का आगामी 19 फरवरी को होने वाला ऑनलाइन संविदा को लेकर स्थानीय एवं विस्थापित संवेदक संघ ने विरोध प्रकट किया। संघ द्वारा ऑनलाइन संविदा को रद्द कर ऑफलाइन संविदा कराने की मांग किया गया है।
तेनुघाट बांध प्रमंडल के अतिथि शाला में 16 फरवरी को संवेदक संघ बैठक कर ऑनलाइन संविदा का जोरदार तरीके से विरोध प्रकट किया। बैठक में लगभग 60 से 65 की संख्या में संवेदक उपस्थित रहे। सभी संवेदक एक स्वर में उपरोक्त मांग किया है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे सुनील कुमार महतो ने बताया कि स्थानीय एवं विस्थापित संवेदक संघ के द्वारा ऑफलाइन संविदा में किए गए कार्यों का गुणवत्ता बहुत ही बेहतर रहा है।
जिसकी सराहना सेल के अधिकारी एवं कार्यपालक कार्यपालक अभियंता भी कर चुके हैं। अब कार्यपालक अभियंता के द्वारा ऑनलाइन संविदा कराया जा रहा है। यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि यदि ऑनलाइन संविदा होता है तो संघ इसका भरपूर विरोध करेगा और कार्य संपन्न नहीं हो सकेगा। कई संवेदक ऑनलाइन संविदा के सपोर्ट में है और उन्होंने कहा कि पूर्व में तो ऑफलाइन ही संविदा किया गया था, परंतु क्या कारण हुआ जो ऑफलाइन छोड़कर ऑनलाइन संविदा कराया गया।
परिणामतः तेनु बोकारो नहर आपसी विवाद का भेंट चढ़ा। ऑफलाइन संविदा दो बार रद्द हो चुका है। विवाद के वजह से ऑफलाइन के जगह अब ऑनलाइन संविदा निकाला गया। देखना है कि 19 फरवरी तक अंतिम तिथि निर्धारित किया गया है। इस बार भी संविदा रद्द होता है या शांति पूर्ण होता है।
क्या कहते हैं विभागीय सहायक अभियंता
तेनुघाट बांध प्रमंडल के सहायक अभियंता पंकज कुमार ने बताया कि 19 फरवरी तक ऑनलाइन टेंडर भरने का अंतिम तिथि है। उसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है की कितने संवेदक द्वारा टेंडर भरा गया है और किसको कौन सी काम एलाउट हुआ है। रद्द करने की अभी कोई बात नही है।
बताते चलें कि तेनु बोकारो नहर का मरम्मती कार्य प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी करोड़ों रुपए की लागत से होने वाला मरम्मती कार्य का संविदा तीन बार रद्द हो चुका है। पुनः 19 फरवरी को ऑनलाइन संविदा होना है। इसके पूर्व दो बार ऑफ लाइन एक बार ऑन लाइन संविदा रद्द हो चुका है । तेनु-बोकारो नहर का निर्माण डैम निर्माण के समय 1971 में ही हुआ है।
पुराने हो जाने के वजह से नहर जहा तहा जर्जर हो गया है। जिसके कारण प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए की लागत से मरम्मती कराया जाता है। पानी के तेज बहाव से कई जगहों पर मिट्टी का कटाव भी होते रहता है। जिसके कारण जगह जगह पर भी कमजोर पड़ते जा रहा हैं । बोकारो स्टील प्लांट के द्वारा नहर मरम्मती के लिए पर्याप्त राशि भी उपलब्ध नही कराया जाता है । जिस के कारण संपूर्ण नहर की मरम्मती एक साथ नही हो सकता है ।
मौके पर मंटू यादव, मनोहर नायक, शिवकुमार पाल, रमेश श्रीवास्तव, श्याम कुमार नायक, केदार यादव, चंद्रिका यादव, प्रीतम यादव, घनश्याम यादव, उमा चरण रजवार, प्रदीप ठाकुर, लाल बहादुर शर्मा, भुनेश्वर महतो, गणपत यादव, धीरेंद्र सिंह सहित कई संवेदक उपस्थित थे।
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