पार्टी से निकाल सकते हो झारखंड की माटी से नहीं-लोबिन हेंब्रम

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। पार्टी से निकाल सकते हो, झारखंड की माटी से नहीं। जब तक सांस चलती रहेगी, अंतिम सांस तक झारखंडी समाज के हक और अधिकार के लिए संघर्ष करता रहूंगा। चाहे इसके लिए मुझे कोई भी किमत चुकाना क्यों नही पड़े।

उपरोक्त बातें 24 अप्रैल को झारखंड बचाओ मोर्चा के तत्वधान में झारखंड की राजधानी रांची के पुराना विधानसभा मैदान सेक्टर दो में जमीन खतियान बचाओ महादान में झारखंड बचाओ मोर्चा के प्रधान मुख्य संयोजक विधायक लोबिन हेंब्रम ने कही।

विधायक हेंब्रम ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद झारखंड के आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन की लूट युद्ध स्तर पर सुनियोजित तरीके से की जा रही है।

सरकार चाहे किसी की भी हो, आदिवासी मूलवासी समाज के हर अधिकार को अनदेखी कर लूटने वाले बाहरी ताकतों को संरक्षण देकर लूट को बढ़ावा देने का काम की जा रही है। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा की सरकार हो, चाहे हेमंत सोरेन की सरकार, सभी सरकारों ने झारखंड के आदिवासी, मूलवासी समाज को लुुटने का काम किया है।

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुण्डा के प्रतिमा बिरसा चौक पर माल्यार्पण कर शुरू किया गया। कार्यक्रम में झारखंड की प्रमुख सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सह झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय मुख्य संयोजक लोबिन हेंब्रम के तेवर काफी तल्ख नजर आये। लोबिन ने एक बार फिर अपने ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी की है।

ज्ञात हो कि, रांची स्थित पुराना विधानसभा मैदान सेक्टर दो में जमीन खतियान बचाओ महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जहां पीड़ितों ने भी अपनी बातों को रखा। यहां विधायक ने कहा कि हर हाल में जमीन बचाना है। झारखंडयों, आदिवासी, मूलवासियों के लिए और कोई उपाय नहीं है।

उन्होंने कहा कि वे यहां के रहिवासियों को जगाने का काम करेंगे। साथ हीं सरकार को आईना दिखाने का भी काम करेंगे। चाहे कोई भी कानूनी पेंच आए झारखंडियों को हर हाल में अपनी पहचान चाहिए, जो बिना खतियान के नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि 1932 ही हमारी पहचान है।

उन्होंने जमीन की हेराफेरी के मामले के लिए पदाधिकारियों को भी दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि जहां गलत होगा, वहां ईडी जांच करेगी। वे जमीन वापस कराने के लिए लड़ाई लड़ेंगे और रणनीति तय करेंगे। यदि सरकार काम नहीं करेगी तो लड़ाई करनी पड़ेगी।

पिछले कई महीनों से अपने ही सरकार के खिलाफ इस तरह के तेवर और बीजेपी में जाने को लेकर उठ रहे सवाल पर विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि वह जेएमएम छोड़कर कहीं नहीं जा रहे है। अगर सरकार झारखंडी जन भावनाओं का ख्याल नहीं रखेगी तो बगावत तो करनी पड़ेगी।

इस अवसर पर झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक विजय शंकर नायक ने कहा की अब झारखंड को बचाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी, मुलवासी समाज को संगठित होकर विधायक लोबिन हेंब्रम के नेतृत्व में गोल बंद होना होगा। आने वाले समय में झारखंड के हितों की रक्षा करने के लिए हमें जल, जंगल, जमीन की लड़ाई तेज करनी होगी।

तभी झारखंड की अस्मिता और झारखंड को बचाया जा सकता है। नहीं तो जो स्थिति झारखंड में है अगर अभी हम संगठित प्रयास नहीं करते हैं तो दुनिया की कोई ताकत झारखंड लुुटाने से नहीं बचा सकता।

इस अवसर पर राजू महतो ने कहा कि झारखंड बचाओ मोर्चा का उद्देश्य ही झारखंड को बचाने का है। इसलिए तमाम दलित, आदिवासी, मूलवासी समाज संगठित होकर आंदोलन को तेज करें और झारखंड को बचाने की दिशा में काम करें।

अध्यक्षीय भाषण में निरंजना हेरेंज टोप्पो ने कहा कि लोबीन दा ही एकमात्र माटी के नेता हैं, जिनके नेतृत्व में झारखंड को बचाया जा सकता है। इसलिए किंतु परंतु नहीं करते हुए झारखंड के आदिवासी, मूलवासी समाज को इनके नेतृत्व में गोलबंद होकर हक और अधिकार की लड़ाई लड़नी चाहिए।

मौके पर एल.एम. उरांव, सुशांतो मुखर्जी ने कहा कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई झारखंड मोर्चा का प्रथम और अंतिम उद्देश्य है। इस अवसर पी.सी मुर्मू, नरेश मुर्मू, मंगल सिंह बोबांग, विक्की पाहन, आनंद तांबा, गणेश दास, अजीत पाहन आदि ने भी संबोधित किया।

मंच का संचालन रंजीत उरांव एवं धन्यवाद ज्ञापन पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबांग ने किया। इस अवसर पर धरती आवा बिरसा मुंडा का पोता बुधराम मुंडा को एवं बिरसा मुंडा की परपोती जौनी मुण्डा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

 

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