गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के कचहरी मैदान में बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के नारे के साथ 16 जनवरी को लोजपा (रामविलास) पार्टी का संकल्प समागम आयोजित की गई।
जानकारी के अनुसार संकल्प समागम में लोजपा के बिहार के सभी नेता, वैशाली के सांसद वीणा देवी, पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा इत्यादि नेताओ के साथ वैशाली जिले के पासवान समाज के युवा, महिला, बूढ़े बच्चे सभा में शामिल हुए।
बताया जाता है कि संकल्प समागम दिन के ग्यारह बजे शुरू हुया जो शाम चार बजे तक चला। भीड़ इतनी थी कि मैदान में आमजनों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिल रही थी। लगभग तीन बजे लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के आते ही मैदान रामविलास पासवान जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा।
चार दशक तक हाजीपुर की राजनीति से सीधे तौर पर जुड़े रहे दिवंगत रामविलास पासवान की धरती पर 16 जनवरी को रहिवासियों का भारी जुटान देखने को मिला। हर चेहरा उत्साहित था। रामविलास और चिराग पासवान के जयकारे लग रहे थे। कड़ाके की ठंड के बीच महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों समेत हर वर्ग और तबके की भीड़ पहुंची।
वर्तमान में हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस रामविलास के भाई हैं, जो केंद्र में मंत्री हैं। जिन्होंने रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में बटवारा कर दिया। इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की चर्चाओं एवं चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी जंग में हाजीपुर एवं रामविलास के असली वारिस होने की जंग के बीच भारी जुटान यहां स्पष्ट संदेश है कि हाजीपुर में रामविलास के असली वारिस चिराग पासवान ही है।
हाजीपुर का कचहरी मैदान कई बड़े राजनीतिक सभाओं का गवाह बना है। इसी मैदान से पहली बार सभा कर रामविलास पासवान राजनीति के शिखर तक पहुंचे। यहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं नीतीश की भी कई सभाएं हुई। लालकृष्ण आडवाणी की भी महती सभा हुई।
एक दौर वह भी आया जब पासवान की मौजूदगी में लालू प्रसाद ने कहा था कि मैदान को श्राप है कि इसका एक कोना कभी नहीं भरता। लेकिन आज चिराग की संकल्प महासभा में भारी जुटान ने कचहरी मैदान को श्राप से मुक्त कर दिया।
रामविलास पासवानजी सन् 1977 से बतौर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री के रूप में हाजीपुर का प्रतिनिधित्व किया। हाजीपुर की धरती को रामविलास पासवान हमेशा अपनी मां और खुद को बेटा कहते थे। उसी राह पर चलते हुए आज इस संकल्प सभा में उनके पुत्र चिराग पासवान ने खुद को शेर का बेटा बताते हुए हाजीपुर की धरती को अपनी मां बताया, तथा हाजीपुर पर अपनी मजबूत दावेदारी ठोक दी।
चिराग ने कहा कि यह धरती उनके पिता की कर्मभूमि है। इस धरती की तरक्की एवं यहां के रहिवासियों की सेवा वह अपने पिता की तरह करेंगे। पिता के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे। यह उनका अधिकार है और इस अधिकार को उनसे कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने घोषणा की कि आगामी लोक सभा चुनाव में हाजीपुर से उनका अपना उम्मीदवार होगा।
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