नन्ही लेखिका आद्या चौधरी की पुस्तक ने बाजार में धूम मचाया

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। The Only Heiress, इंग्लिश नॉवेल की इकलौती उत्तराधिकारी नन्ही लेखिका आद्या चौधरी उम्र 14 वर्ष नवम वर्ग की छात्रा का प्रथम उपन्यास ने बाजार में अभी से धूम मचाना शुरु कर दिया है।

समस्तीपुर जिला के हद में लगुनिया सूर्यकण्ठ निवासी स्वर्गीय वैधनाथ चौधरी की एकलौती पोती और अपने पिता विजय कृष्ण और माँ अनामिका पांडेय की एकमात्र सन्तान है आद्या। आद्या जैसे जैसे बड़ी हुई उसके बाल मन मे अपना कोई भाई छोटा या बड़ा नही होने की कमी जरूर खली होगी।

अजीब इतेफाक कि आध्या के ननिहाल में भी उसको अपना कोई मामा नही है।ननिहाल और ददिहाल जाने पर जब समाज के स्त्री पुरुष उसके माता पिता से लड़का के सम्बंध में जब पूछते तो उन्हें विचलित होते आद्या ने देखा। उनमे से कुछ लोग लड़का नही होने पर वंश डूबने की चर्चा भी कर देते है। इन सब बातें आद्या के बाल मन को विचलित कर देता था। समाज मे बेटा और बेटी के लिये अलग अलग नजरिये ने उसे ठेस पहुंचायी।

आध्या की माँ जो बिहार की राजधानी पटना में अंग्रेजी स्पोकन की ट्रेनर है। वह भी समाज के खासकर भूमिहार समाज के इस भेद भाव वाले नजरिये से गुजर चुकी है। उन्होंने आद्या को संभाला। आध्या के पिता टेलीविजन पत्रकारिता से जुड़े हैं।

आद्या के माता पिता ने उसे अपनी सोच को लेखनी के माध्यम से व्यक्त करने को प्रोत्साहित किया और आद्या ने अपना पहला उपन्यास the only Hieress लिख दिया। आद्या की माँ भी अंग्रेजी लिटरेचर की अच्छी ज्ञाता है। इतनी कम उम्र में आद्या भी कभी कभी माँ के साथ स्पोकन इंग्लिश की क्लास में अपना व्यख्यान देती है।

आद्या अभी पटना के प्रतिष्ठित नेटरदम पब्लिक स्कूल की नवम की छात्रा है। अंग्रेजी लिटरेचर पर इसका अच्छा कमांड है। अपने आस पास समाज मे जो देखती है उसके बारे में चिंतन करती है और लेखनी के माध्यम से उसे व्यक्त करना चाहती है।

समाज मे स्त्री और सुंदर स्त्री के सम्बंध में जो समाज की अवधारणा है पर आद्या अपनी दूसरी उपन्यास LADY VS BEAUTIFULL LADIES नाम से लिख रही है।

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