भूमि विवाद में हत्या के दोषी को आजीवन कारावास

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार की अदालत ने 31 जनवरी को भूमि विवाद में हत्या मामले के आरोपी रतन महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

बताते चले कि बोकारो जिला के हद में कसमार थाना क्षेत्र के हंसलता टोला गटटीगढ़ा निवासी सिकंदर महतो ने 12 जुलाई 2018 को सदर अस्पताल बोकारो में बयान दर्ज कराया था कि उसके घर के पास की जमीन जिसका खाता क्रमांक 19 प्लॉट नंबर 1279 एवं 1270 रकवा 40 डिसमिल पर उसके पड़ोसी नकुल महतो एवं पुरन महतो से जमीन को लेकर पूर्व से विवाद चल रहा था। जिस विवाद को लेकर अंचल अधिकारी द्वारा दोनों पक्षों को विवादित जमीन पर कोई कार्य करने से मना किया गया था।

बयान में कहा गया कि 12 जुलाई 2018 की सुबह दोनों भाई पुरन महतो एवं नकुल महतो विवादित जमीन पर हल चलाने लगे, जिसे देखकर उसके पिता सहदेव महतो, चाचा चौहान महतो एवं भाई संभू महतो ने नकुल महतो को हल चलाने के लिए मना किए।

इसे लेकर दोनों गाली गलौज करने लगे। इसके बाद उनके परिवार वाले वहां आ गए और सभी लाठी, डंडा, टाँगी लिए हुए थे। इसी बीच रतन महतो टांगी से उसके पिता के सर पर मार दिया, जिससे वे वहीं गिर गए। उसके बाद भी सभी उसके पिता सहदेव महतो को लाठी डंडा से मारने लगे, जिससे उसके पिता लहूलुहान होकर तड़पने लगे।

इस दौरान उसके चाचा बचाने गए मगर वह लोग नहीं माने। उसने भी अपने पिता को बचाने के लिए हल्ला करने लगा। इसके बाद वह लोग उसके पिता को मारते रहे। वे लोग उसके पिता को मरा समझकर वहां से भाग गए।

कहा गया कि आरोपियों द्वारा मारपीट के कारण उसके पिता गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे, उनका इलाज के लिए बीजीएच ले गए। यहां से चिकित्सक के द्वारा सदर अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। उन्हें सदर अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सक द्वारा उसके पिता सहदेव महतो को मृत घोषित कर दिया गया।

उक्त बयान के आधार पर कसमार थाना में कांड क्रमांक-46/18 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर जिला जज द्वितीय अनिल कुमार के न्यायालय में आया।

न्यायालय में सत्र वाद क्रमांक-46/18 में उपलब्ध गवाहों के बयान एवं उभय पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय ने अभियुक्त रतन महतो को हत्या के मामले में सिध्द दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

सजा सुनाने के बाद अभियुक्त रतन महतो को तेनुघाट जेल भेज दिया गया। वही इससे पूर्व साक्ष्य के अभाव में नकुल महतो को रिहा कर दिया गया था। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साह ने बहस की।

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