गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित व्यवहार न्यायालय के अपर जिला न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पॉस्को जीवनलाल के न्यायालय द्वारा जिले की बहुचर्चित नावालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के प्रयास औऱ उसकी हत्या के आरोप में 5 हत्यारों को 13 सितंबर को अन्तिम सांस तक आजीवन कारावास औऱ एक महिला आरोपी को 5 वर्ष करावास की सजा सुनाई गयी।
सजा सुनाए जाने के वक्त मृतका के माता पिता के साथ वैशाली और समस्तीपुर जिले के सामाजिक कार्यकर्ता भी न्यायालय परिसर में मौजूद थे। न्यायालय के फैसले पर उपस्थित समूह सन्तुष्ट दिखा।
घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि वैशाली जिला के हद में महनार थाने के करनौति ग्राम निवासी उमाशंकर ठाकुर की पुत्री दसवीं कक्षा की छात्रा 15 वर्षिया सुप्रिया ठाकुर प्रत्येक दिन साईकल से करनौति से 7 किमी दूर पटोरी स्थित अपने पिता के कोचिंग में पढ़ने जाया करती थी।
घटना के दिन 14 सितम्बर 2021 को प्रातः 5 बजे अपने घर से कोचिंग पटोरी जाने के लिये निकली। उस दिन वह न कोचिंग पहुंची और न घर लौटी। तब उसके पिता ने महनार थाने में अपनी पुत्री की गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज कराया। दूसरे दिन 15 सितम्बर को 11 बजे दिन में करनौति पटोरी के रास्ते मे रूपनारायणपुर बरैठा चवर में सुप्रिया की अर्धनग्न तैरती लाश बरामद हुई।
मृतिका की लाश बरामद होने की सूचना के बाद पटोरी, समस्तीपुर, मुज्जफरपुर, महनार, हजीपुर, पटना के सामाजिक कार्यकर्ता औऱ छात्र आंदोलित हो गए। लोगों द्वारा सुप्रिया के हत्यारों की गिरफ्तरी की मांग को लेकर जगह जगह आक्रोश मार्च निकाला जाने लगा। महनार पुलिस ने घटना को लेकर कांड क्रमांक-289/21 दर्ज कर अनुसन्धान शूरु किया।
घटना के 6 दिन बाद पुलिस ने घटना में शामिल करनौति गांव के ही दशरथ मांझी, यदुनाथ कुमार उर्फ यद्दू राय, सलवा देवी, चन्देश्वर पासवान, शाहपुर पटोरी के गौतम सहनी औऱ वकील पासवान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस कांड के विशेष लोक अभियोजक मनोज शर्मा ने बताया कि घटना के एक वर्ष के अंदर ही न्ययालय द्वारा इस बाद का त्वरित निष्पादन हुआ और सभी 5 दोषी पुरुष को हत्या के आरोप में जीवन के अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा हुई है। जबकि महिला दोषी सलवा देवी को 5 वर्ष की सजा सुनाई गयी है।
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