प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। सर्वोच्च न्यायालय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं बोकारो जिला जज सह सत्र न्यायाधीश रंजना आस्थाना के निर्देश पर 16 अप्रैल को तेनुघाट जेल में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
आयोजित जेल अदालत में एक बंदी द्वारा आवेदन दिया गया था, मगर जेल में उसकी समय अवधि पूरा नहीं होने के कारण उसे छोड़ा नहीं जा सका।
कानूनी जागरूकता शिविर के दौरान बंदियो को संबोधित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो ने दहेज प्रथा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दहेज लेना एवं देना दोनों कानूनी अपराध है। डायन प्रथा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि किसी को डायन कहकर प्रताड़ित करना कानूनन जुर्म है। ऐसा करने वालों को जमानत नहीं मिलती है।
अधिवक्ता रितेश जयसवाल ने बंदियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता तथा अधिकार एवं कर्तव्य की विस्तृत जानकारियां दी। मंच संचालन अधिवक्ता सुभाष कटरियार तथा स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन जेलर विपिन कुमार ने किया। मौके पर सुजय आनंद, विजय कुमार सहित दर्जनों बंदी मौजूद थे।
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