ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। सर्वोच्च न्यायालय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बोकारो रंजना अस्थाना के निर्देश पर महिला सशक्तिकरण सप्ताह के अंतर्गत तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के लोक अदालत परिसर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित की गई। शिविर का विधिवत उद्घघाटन तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार, एसीजेएम विशाल गौरव, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो ने किया।
इस अवसर पर आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए जिला जज द्वितीय अनिल कुमार ने महिला उत्पीड़न के बारे में कई जानकारियां देते हुए बताया कि आज समाज में दहेज के कारण महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि दहेज लेना और देना दोनों ही कानूनी अपराध है। इसलिए इससे बचना बहुत जरूरी है।
दहेज के कारण दहेज लोपी अपनी बहू की हत्या कर देते हैं, जो अपराध की धारा 304 बी के तहत आता है। उन्होंने बताया कि अगर महिला कहीं भी काम कर रही हो उसके साथ किसी भी तरह की कोई प्रताड़ना करता है उसे तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को या फिर न्यायालय में दिया जाना चाहिए। जिससे उसकी समस्या का समाधान हो सकता है। साथ ही उन्होंने अन्य कई तरह की कानूनी जानकारियां दी।
एसीजेएम विशाल गौरव ने महिलाओं के अधिकार एवं संपत्ति पर अधिकार के बारे में जानकारियां देते हुए बताया कि लड़के एवं लड़कियां दोनों को अपने पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होता है। इसमें कोई भेदभाव नहीं होता है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह से गर्भवती महिला का लिंग जांच करवाना कानूनी अपराध है। लिंग जांच करने वाले डॉक्टर को भी सजा होती है।
आगे बताया कि महिलाओं से जुड़े विभिन्न कानूनों के बारे में महिला प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम के माध्यम से जानकारी प्रदान कर उन्हें कानूनी रूप से जागरूक बनाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं आज के दौर में किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है। जब महिलाएं शिक्षित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहेंगी, तो उनका किसी भी प्रकार से शोषण नहीं हो सकेगा।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो ने घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर कोई भी महिला घरेलू हिंसा का केस करती है, उस पर त्वरित कार्रवाई होती है। घरेलू हिंसा का मुकदमा न्यायालय में, पुलिस के पास, सीडीपीओ के आसपास कहीं भी किया जा सकता है।
वरीय अधिवक्ता हरिशंकर प्रसाद ने बताया कि किसी भी महिला को डायन कहना कानूनी अपराध है। ऐसे व्यक्ति को जेल जाना पड़ता है। साथ ही बताया कि काम कर रही महिलाओं के साथ किसी भी तरह का प्रताड़ना उसके बॉस या साथी के साथ किया जाता है, उसके विरुद्ध भी जानकारी मिलने पर तुरंत कार्रवाई किया जाता है।
बाल विवाह भी करना कानूनी अपराध है। अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने अपहरण और दुष्कर्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह की घटनाओं पर प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाती है और ऐसे व्यक्ति को जेल भेजा जाता है। अधिवक्ता महुआ कारक ने पॉक्सो एक्ट के बारे में कई तरह की जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह करना कानूनी अपराध है।
अगर किसी को भी बाल विवाह के बारे में जानकारी मिले तो वह तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे, ताकि बाल विवाह रोका जा सके। अधिवक्ता कल्याणी ने भी भरण पोषण के मामले से संबंधित जानकारियां दी।
उन्होंने महिला प्रतिभागियों से इस अवसर का लाभ उठाकर अपने अपने क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं एवं बच्चियों को जागरूक के लिए प्रोत्साहित किया। उपस्थित महिला से इस कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाने की अपील की।
कार्यक्रम में निर्धारित विषयों पर महिलाओं से संबंधित कानून, विवाह एवं तलाक अधिनियम, भरण पोषण कानून, संपत्ति में महिलाओं का अधिकार, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, एसिड हमला, महिलाओं के प्रति यौन अपराध, पोक्सो अधिनियम, आदि।
कार्य क्षेत्र में महिलाओं का यौन शोषण, महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश, कारखाना अधिनियम, समान कार्य समान वेतन अधिनियम, गर्भवती महिलाओं के लिए बनाए गए विभिन्न कानूनों, भ्रूण हत्या अधिनियम इत्यादि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी साझा किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने आम जीवन में महिलाओं से संबंधित समस्याओं के बारे में प्रश्न पूछा, जिसका रिसोर्स पर्सन ने संतोषप्रद जवाब देकर उन्हें जागरूक किया। कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं उन्होंने विभिन्न प्रकार के कानूनों के बारे में जानकारी प्राप्त पर इससे अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने का संकल्प लिया।
यहां एसीजेएम विशाल गौरव ने मंच संचालन, अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने स्वागत भाषण तथा अधिवक्ता हरिशंकर प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
गोष्ठी में अधिवक्ता तपन कुमार डे, चेतना नंद प्रसाद, जिप सदस्य माला कुमारी, तेनुघाट मुखिया नीलम श्रीवास्तव, चंद्रेश्वर हांसदा, आशा नारायण सहित सैकड़ो महिला उपस्थित थी।
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