ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। गणतंत्रता दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को बोकारो जिला के हद में तेनुघाट जेल में जेल अदालत एवं कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कानूनी जानकारी देते हुए व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने बंदियों को सबसे पहले गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इसके बाद सभी को बताया कि जेल से बाहर निकलकर एक अच्छे नागरिक बने। उन्होंने बताया कि हमें स्वतंत्रता सेनानी ने अंग्रेजो से लड़कर आजादी दिलाई। हमें भी इसी प्रकार देश की सेवा कर अपने, अपने परिवार और देश का नाम रौशन करना चाहिए।
इस अवसर पर बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताते हुए कहा गया कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से कारा में संसीमित बंदियों को निरंतर विधिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बंदियों के बीच से ही पारा लीगल वॉलिंटियर्स की नियुक्ति की गई है।
जो निरंतर बंदियों के संपर्क में रहकर उनकी समस्याओं को कारा प्रशासन के माध्यम से विधिक सेवा प्राधिकार तक पहुंचाते हैं। जहां अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कार्य किया जाता है।
उन्होंने कहा कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। बताया कि हमें नशा से बचने की जरूरत है। अक्सर नशा करने के कारण गलतियां होती हैं और उन्हें उसका नुकसान उठाना होता है। कहा कि मोबाईल का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इससे हमारे आंख और दिमाग पर भी असर पड़ता है।
मंच संचालन करते हुए अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने बंदियों को कानूनी जानकारियां देते हुए बताया कि पूरे देश में गणतंत्र दिवस मनाया गया है। उन्होंने जेल बंदियों को बताया कि जेल में आप सुधार के लिए आए हैं, इसलिए आप यहां रहकर अपने आप को सुधार कर बाहर निकले। उन्होंने कहा कि यह जरुरी नहीं है कि आप गुनाह किए हो। कभी कभी होता है कि आवेश में आकर कुछ गलती हो जाती है।
स्वागत भाषण जेल अधीक्षक अरुणाभ और धन्यवाद ज्ञापन जेलर नीरज कुमार ने दिया। वहीं अधिवक्ता सुजीत कुमार जायसवाल ने भी बंदियों को कानूनी जानकारियां दी। मौके पर विजय कुमार, मनोज प्रजापति, इश्तियाक अंसारी, संजय मंडल, सी. दास आदि उपस्थित थे।
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