रांची नगर निगम में हो कानून का पालन-दीपेश निराला

निगम प्रशासक द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर निराला ने सचिव को लिखा पत्र

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। सूचना अधिकार कार्यकर्ता दीपेश कुमार निराला ने निगम प्रशासक द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर निगम सचिव को पत्र लिखकर रांची नगर निगम में कानून का पालन कराने की मांग की है।

इस संबंध में 28 मई को सूचना अधिकार कार्यकर्ता निराला द्वारा कहा गया कि रांची नगर निगम के इंफोर्समेंट टीम के विरुद्ध मांगे गए सूचना के आलोक में यह बात सामने आई थी कि इंफोर्समेंट टीम के अधिकारियों द्वारा पब्लिक से वसूला गया जुर्माना राशि का संधारण रांची नगर निगम में नहीं हुआ है।

जिस कारण उसके हिसाब-किताब की सूचना नहीं दी गई है। साथ ही साथ झारखंड पुलिस के समान हू-ब-हू खाकी वर्दी पहनने से संबंधित सूचना और उससे संबंधित प्रावधान/नियम की कॉपी भी अब तक नहीं दी गई है. बावजूद इसके अब तक रांची नगर निगम के इंफोर्समेंट अधिकारी पुलिस के समान हू-ब-हू खाकी वर्दी पहन रहे हैं, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

निराला ने बताया कि बीते वर्ष 5 अगस्त को तत्कालीन मेयर द्वारा रहिवासियों से प्राप्त शिकायत के आलोक में 12 इंफोर्समेंट ऑफिसर को चिन्हित कर उन पर संपादित समीक्षा बैठक की कार्यवाही की सूचना और अपर नगर आयुक्त को उन पर दिए गए कार्रवाई के निर्देश की सूचना भी अब तक आवेदक को उपलब्ध नहीं कराया गया है।

जिसकी शिकायत निराला द्वारा बीते 16 अप्रैल को नगर आयुक्त शशि रंजन से लिखित रूप में की थी। वहां से कोई जवाब नहीं मिलने पर बीते 4 मई को पुनः नगर आयुक्त को स्मार पत्र भेजा गया था। बावजूद इसके नगर आयुक्त के तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिलने पर अब आवेदक निराला ने झारखंड सरकार के सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग से संपूर्ण मामले की शिकायत की है।

इस संबंध में निराला ने कहा कि प्रथम दृष्टया इंफोर्समेंट टीम द्वारा जनता से वसूले गए लाखों रुपए की राशि का संधारण नगर निगम द्वारा नहीं करने को सरकारी राशि का गबन का मामला बताते हुए प्राथमिकी दर्ज करवा कर संपूर्ण मामले की जांच करवाने और रांची नगर निगम में कानून का पालन सुनिश्चित करवाने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि अभी क्योंकि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर आयुक्त को प्रशासक के तौर पर रांची नगर निगम में नियुक्त किया है, इसलिए सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग से उक्त कार्रवाई की मांग की गई है।

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